कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस पर पूर्व में की गई अपनी टिप्पणी से कोर्ट में पलट जाने की खबरों पर आज ट्विटर के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दी। राहुल ने ट्वीट किया, मैं आरएसएस के घृणात्मक और विभाजनकारी एजेंडा के खिलाफ लड़ना कभी बंद नहीं करूंगा। मैंने जो भी कहा, उसके प्रत्येक शब्द पर कायम हूं। राहुल गांधी का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि उन्होंने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए कभी भी उन्होंने आरएसएस को जिम्मेदार नहीं ठहराया, बल्कि केवल इतना कहा था कि इस संगठन में कुछ लोग इसके लिए जिम्मेदार थे। राहुल ने इन खबरों पर ही आज यह ट्वीट किया है।
राहुल के ट्वीट से पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज ही सुबह कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को सद्बुद्धि आ गई है। अच्छा है, राहुल ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष अंतत: स्वीकार लिया है कि आरएसएस महात्मा गांधी की हत्या में आरोपी नहीं है। नायडू ने ट्वीट किया, सद्बुद्धि आ गई है। यह एक यू-टर्न हो सकता है, लेकिन एक अच्छा टर्न है। आरएसएस एक देशभक्त संगठन है। आरएसएस- स्वयं सेवा के लिए तैयार रहता है, कहीं भी, कभी भी।
राहुल गांधी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष उस हलफनामे का हवाला दिया जो बंबई उच्च न्यायालय में दाखिल किया गया था। उन्होंने कहा कि राहुल ने आरएसएस के केवल कुछ लोगों को आरोपी बनाया था न कि संगठन को। सिब्बल ने अदालत को बताया था, राहुल ने कभी भी यह बयान नहीं दिया कि आरएसएस ने महात्मा गांधी को मारा, बल्कि उन्होंने कहा था कि आरएसएस से जुड़े कुछ लोगों ने उन्हें मारा था।