दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित विपक्षी दलों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि किसानों के पास खाद-बीज के लिए पैसा नहीं है। राहुल ने कहा कि पीएम का दावा था कि 30 दिसंबर तक सब ठीक हो जाएगा। लेकिन हालात सुधरने की बजाय और खराब हैं।
उन्होंने कहा कि अब पीएम को जवाब देना है। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच करवाएं। यही नहीं उन्होंने स्विस सरकार की लिस्ट संसद में रखने की मांग भी की।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का यह भी दावा था कि नोटबंदी से आतंकवाद पर हमला होगा, लेकिन कुछ आतंकवादी मारे गए, उनकी जेबों से 2,000 रुपये के नए नोट मिले। राहुल ने कहा कि सहारा के कागजों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करोड़ों रुपये दिए जाने का उल्लेख कई बार है, लेकिन पीएम मोदी भ्रष्टाचार की बात करते हैं और अपने ऊपर लगे आरोपों पर कुछ नहीं बोलते।
ममता बनर्जी ने भी कहा कि सभी दल इस मुद्दे पर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाकर एक साथ आएंगे। उनका कहना था कि नोटबंदी एक बड़ा घोटाला है। इससे किसान, मज़दूर, गरीब सभी परेशान हैं। ममता ने कहा कि अगर 50 दिन बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो क्या प्रधानमंत्री जिम्मेदारी लेंगे, क्या वह इस्तीफा देंगे।
ममता बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी से हमारा देश 20 साल पीछे चला गया है, सारे विकास कार्य बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे दिन के नाम पर लोगों को पैसा सरकार ने ले लिया है। उन्होंने पीएम मोदी से पूछा कि क्या यही हैं अच्छे दिन। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के कहे के हिसाब से 50 दिन में सिर्फ तीन दिन बाकी है, क्या इसके बाद सब ठीक हो जाएगा।
ममता बनर्जी ने कहा कि आज बैंक 6,000 रुपये भी नहीं दे पा रहे हैं। सरकार ने हमारे सारे अधिकार छीन लिए हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। कैशलेस की बात हो रही है, लेकिन अमेरिका जैसा देश भी पूरी तरह कैशलेस नहीं है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में वादा तो वादा होता है, जो पूरा होता नहीं दिख रहा है। ममता ने कहा कि नोटबंदी के बाद अब तक 107 लोगों की जान चली गई है, और हालात 'सुपर एमरजेंसी' जैसे हैं।