आरएसएस के अवध प्रांत के संघचालक प्रभुनारायण और सह प्रांत कार्यवाह नरेन्द्र ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन संतों का है। उन्होंने कहा, पहले भी कभी संघ ने इसके लिए आंदोलन नहीं चलाया। अगर संत मंदिर के लिए आंदोलन करेंगे तो संघ साथ देगा। संघ पदाधिकारी प्रभुनारायण और नरेन्द्र ने शुक्रवार को लखनऊ के विश्व संवाद केंद्र में यह बातें कहीं। राम मंदिर निर्माण को लेकर हाल ही में भाजपा सांसद विनय कटियार ने यह कहकर माहौल को गर्म कर दिया था कि लॉलीपाप नहीं बल्कि हमें मंदिर निर्माण चाहिए। इस बयान के बाद लगा कि संघ और भाजपा से जुड़ा एक वर्ग मंदिर निर्माण को लेकर आगे कोई पहल करेगा लेकिन इस बयान से यह साफ संकेत मिलता है कि फिलहाल आरएसएस का रुख संतों पर ही निर्भर है। हालांकि अपने बयान में संघचालक ने यह भी कहा कि राम मंदिर हमारी आस्था का विषय है।
तीन तलाक के मुद्दे पर संघचालक ने कहा कि यह मसला मुस्लिम महिलाओं का है। संघ जेंडर के आधार पर भेद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि संघ का मानना है कि मुस्लिम बहनों के साथ न्याय होना चाहिए। धर्म के आधार पर भेद नहीं होना चाहिए। बहरहाल इस मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती आरोप लगा चुकी हैं कि मोदी आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। केरल को लेकर प्रभुनारायण व नरेन्द्र ने कहा कि 23 से 25 अक्तूबर के बीच हैदराबाद के भाग्यनगर में आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में एक प्रस्ताव में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा आरएसएस के 250 कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में प्रस्ताव पारित कर उनकी हिंसा का विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि बैठक में यूपी के संगठन को लेकर भी चर्चा हुई।