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कांग्रेस की त्रिमूर्ति संभालेगी उप्र चुनाव

अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश चुनावों में कांग्रेस के प्रचार की कमान मुख्य़तौर पर प्रियंका गांधी , दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद के हवाले रहेगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनावों में पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया था कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस की ओर से इस त्रिमूर्ति को उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में प्रचार के लिए उतारा जाए। प्रशांत के अनुसार चूंकि भौगोलिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है इसलिए इलाहाबाद और उसके आसपास की कमान प्रियंका गांधी, लखनऊ और उसके आसपास की कमान शीला दीक्षित के हवाले रहेगी। गुलाम नबी आजाद पूरे राज्य में घूमेंगे। उनके पास अल्पसंख्यक समुदाय को रिझाने का जिम्मा भी रहेगा। सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने उनके इस सुझाव हो हरी झंडी दे दी है।
कांग्रेस की त्रिमूर्ति संभालेगी उप्र चुनाव

बहू हूं यूपी की, ससुराल ही जाउंगी

कहा यह भी जा रहा है कि ब्राहम्ण चेहरा होने के नाते कांग्रेस शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीद्वार भी घोषित कर सकती है। मंगलवार को दिल्ली के इंडियन वीमैन प्रैस कोर (आईडब्ल्यूपीसी ) में आयोजित बातचीत में जब शीला दीक्षित से इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह पंजाब की बेटी हैं और उत्तर प्रदेश की बहू हैं। बहू होने के नाते उनके पास उत्तर प्रदेश को देने के लिए बहुत कुछ है। जब उनसे पूछा गया कि इस दफा आप मायके (पंजाब) जाएंगी या ससुराल (यूपी) तो उन्होंने इशारों में ससुराल की ही तरफ इशारा किया। उन्होंने यह भी कहा कि मेरा यूपी की बहू होना ही पर्याप्त है। उन्होंने अपने को पूर्व में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से भी बरी बताया।   

 राजेंद्र कुमार की गिरफ्तारी राजनीतिक नहीं

57 करोड़ रुपये के घोटाले में गिरफ्तार राजेंद्र कुमार की गिरफ्तारी पर शीला दीक्षित ने कहा कि राजेंद्र कुमार उनके कार्यकाल में उनके साथ भी रहे थे, उन्हें राजेंद्र से कोई शिकायत नहीं रही। दीक्षित के अनुसार राजेंद्र कुमार की गिरफ्तारी को राजनीतिक बदला लेने के तौर पर नहीं देखा जा सकता है क्योंकि सीबीआई के पास कुछ न कुछ सुबूत तो होंगे ही जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। शीला दीक्षित ने कहा कि आम आदमी पार्टी बार-बार जनता का यह बोल कर भावनात्मक तौर पर शोषण कर रही है कि केंद्र सरकार, दिल्ली की जनता से इस बात का बदला ले रही है कि यहां की जनता ने भाजपा को वोट नहीं दिया। शीला के अनुसार आम आदमी पार्टी और जनता को यह याद रखना चाहिए कि केंद्र सरकार दिल्ली की जनता से बदला कैसे ले सकती है क्योंकि यहां सभी सांसद तो भारतीय जनता पार्टी के हैं।

नेता कभी रिटायर नहीं होता

शीला दीक्षित ने उम्र को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा कि राजनीति कोई नौकरी, कंपनी या उद्योग नहीं है जहां उम्र की सीमा होनी चाहिए। यह जनसेवा का काम है। कोई इसे 20 वर्ष की उम्र से लेकर 80 साल की उम्र तक भी कर सकता है। दीक्षित ने कहा कि नेता कभी रिटायर नहीं होता है।

 

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