लोकसभा में बुधवार को बहस के दौरान महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहकर बचाव करने के विवाद पर प्रज्ञा ठाकुर ने सफाई दी है। अब प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कार्रवाई कर दी है। उन्हें रक्षा संसदीय समिति से भी हटा दिया गया है। अपने खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद साध्वी प्रज्ञा ने ट्विटर पर सफाई दी है। भोपाल से भाजपा सांसद ने कहा कि उन्होंने गोडसे नहीं, उधम सिंह का जिक्र आने पर ए. राजा को टोका था।
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, 'कभी-कभी झूठ का बबण्डर इतना गहरा होता है कि दिन में भी रात लगने लगती है, किन्तु सूर्य अपना प्रकाश नहीं खोता। पलभर के बबण्डर मे लोग भ्रमित न हों सूर्य का प्रकाश स्थाई है। सत्य यही है कि कल मैने ऊधम सिंह जी का अपमान नहीं सहा बस।'
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि सदन में चर्चा के दौरान ए. राजा ऐसा बताने की कोशिश कर रहे थे जैसे सभी देशभक्त देश के दुश्मन और आतंकवादी हों। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा हो रही थी और ए. राजा देशभक्त उधम सिंह के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उधम सिंह ने जालियावाला बाग हत्याकांड के बाद जनरल डायर की हत्या से पहले 20 सालों तक उसके प्रति रंजिश पाल रखी थी। जब राजा ने बोलना जारी रखा तो मैंने टोकते हुए कहा कि देशभक्तों का नाम मत लीजिए।
प्रज्ञा का दावा- उनका बयान गोडसे के लिए नहीं था
प्रज्ञा ने दावा किया कि उनका बयान गोडसे के लिए नहीं था। उन्होंने कहा कि यह नाथूराम गोडसे के लिए नहीं था। मैंने उन्हें तब टोका जब उन्होंने उधम सिंह का नाम लिया। उसके बाद स्पीकर ने मुझे बैठने के लिए कहा और मैं बैठ गई। हालांकि, ए. राजा ने अपना भाषण जारी रखा और उसी अंदाज में नाथूराम गोडसे के बारे में भी कहा। तब मैंने उन्हें नहीं टोका था।
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा- प्रज्ञा ठाकुर से मांगा गया है जवाब
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ठाकुर से पार्टी को यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया कि वह नाथूराम गोडसे का समर्थन नहीं करती हैं। ठाकुर ने कहा है कि वह तो उस क्रांतिकारी उधम सिंह के बारे में बोल रही थीं जिन्होंने जनरल डायर को मार गिराया था। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर ठाकुर की टिप्पणी की आलोचना की है। पार्टी ने कहा है कि यह सत्ताधारी दल की नफरत की राजनीतिक का प्रतिनिधित्व करने वाली टिप्पणी है।भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे भाजपा सांसद ठाकुर की टिप्पणी का समर्थन करते हैं या नहीं।
साध्वी के बयान से पहले भी हो चुका है विवाद
लोकसभा चुनाव के दौरान भी ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त कहा था जिसके बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था। रोड शो के दौरान अभिनेता कमल हासन की एक टिप्पणी कि स्वतंत्र भारत में पहला आतंकी एक हिंदू था पर पूछे गए सवाल का उन्होंने जवाब दिया था। इसके बाद उन्होंने इसके लिए माफी मांग ली थी। प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि गांधीजी या नाथूराम गोडसे के बारे में की गई टिप्पणी बेहद निंदनीय है और समाज के लिए गलत है। उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन मैं कभी उन्हें पूरी तरह माफ नहीं कर सकूंगा।