दिल्ली में जहां नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है, वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुखिया ममता बनर्जी पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में गुरुवार को 24 परगना जिले के नैहाटी में धरने पर बैठ गई हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा झूठ प्रचारित कर रही है कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में भाजपा के 54 कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। ममता ने कहा कि ये पूरी तरह से झूठ है, बंगाल में राजनीतिक हत्याएं नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि ये मौतें निजी रंजिश, पारिवारिक झगड़े का परिणाम हो सकती हैं।
'बंगाली और गैर-बंगाली में बंटवारे की कोशिश'
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा बंगाली, गैर-बंगाली में विभाजन करने की कोशिश कर रही है। भाजपा के गुंडों ने 400 बंगाली परिवारों को बेघर कर दिया है। भाजपा राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। मैं भाजपा जैसी पार्टी से घृणा करती हूं। मैं देश के लोगों से अपील करती हूं कि वे सांप्रदायिक आधार पर बंटवारे के खिलाफ आवाज उठाएं।
ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के उभार को रोकने के लिए हर ब्लॉक में जय हिंद वाहिनी और बंग जननी वाहिनी का गठन करेंगी।
'भाजपा कर रही है झूठा प्रचार'
इससे पहले ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण में आने से इनकार कर दिया, जबकि पहले उन्होंने हामी भरी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं पर भाजपा ने हिंसा की है। उन्होंने एक चिट्ठी जारी कर लिखा कि भाजपा ने इस कार्यक्रम में मृत भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार वालों को बुलाया है और इसे राजनीतिक हत्या करार दिया है। ममता ने कहा है कि ये राजनीतिक हत्या नहीं है, बल्कि आपसी रंजिशों के मसले हैं।
नरेंद्र मोदी द्वारा शपथ ग्रहण के दिन ही धरने पर बैठने का ऐलान कर ममता बनर्जी ने स्पष्ट संदेश देने की कोशिश कि लोकसभा चुनाव की जंग में भले ही वह पिछड़ गई हों, लेकिन वह इस राजनीतिक जंग से पीछे हटने वाली नहीं हैं।