यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। यूपी में नीतीश के साथ बिहार में सरकार चला रही बीजेपी ने जेडीयू को अकेले छोड़ दिया है। यूपी में बीजेपी के खिलाफ जेडीयू चुनाव लड़ेगी।
जदयू के वरिष्ठ नेता और यूपी के प्रभारी केसी त्यागी ने बताया कि भाजपा के साथ सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है। जिस पर जदयू अब यूपी चुनाव में अकेले उतरेगा। 18 जनवरी को लखनऊ में बैठक होगी जिसमें यह फैसला लिया जाएगा कि कितनी सीटों पर जदयू चुनाव लड़ेगा।
उन्होंने बताया कि भाजपा के साथ सीटों का सम्मानजनक समझौता नहीं होने के कारण जदयू ने भाजपा से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। जदयू ने यूपी में भाजपा से कम से कम 20 सीटों की हिस्सेदारी मांगी थी। भाजपा जिसके लिए तैयार नहीं हुई। उन्होंने बताया कि 18 जनवरी को लखनऊ में पार्टी की बैठक में जदयू के यूपी प्रदेश संगठन से जुड़े तमाम नेता मौजूद रहेंगे। प्रदेश जदयू अध्यक्ष अनूप पटेल ने उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई है।
बता दें कि बिहार और केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू है। यूपी में जेडीयू ने पहले बीजेपी के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके लिए अपने वरिष्ठ नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह को भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे की बातचीत के लिए अधिकृत किया था लेकिन सीटों को लेकर बात नहीं बन पाई। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी और जेडीयू की राहें बिहार में जुदा हो सकती हैं। बीजेपी यूपी में हारी तो जेडीयू की तरफ से तल्ख तेवर देखने को मिल सकते हैं।
जातीय जनगणना पर भी बीजेपी से नीतीश के सुर नहीं मिल रहे। जातीय जनगणना कराने की मांग पर अड़े राजनीतिक दल यह चाहते हैं कि जल्द से जल्द बिहार में जातीय जनगणना हो। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी बात कही है। उनकी बात को बीजेपी को छोडकर राजद, कांग्रेस की तरफ से समर्थन भी मिल चुका है।