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पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति से जुड़ी वस्तुओं की मांग बढ़ी

पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही माध्यमों में...
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति से जुड़ी वस्तुओं की मांग बढ़ी

पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही माध्यमों में राजनीति से जुड़े सामान का बाजार तेजी से बढ़ने लगा है और ‘खेला होबे’, ‘नेशन विद नमो’ और ‘नमो अगेन’ जैसे नारों वाली टी-शर्ट की बिक्री बढ़ गई है।

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि बड़ाबाजार और कोलकाता के कैनिंग स्ट्रीट के थोक बाजार में तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वाले सामान की बिक्री बढ़ गयी है जबकि भाजपा के समर्थन वाले सामान ऑनलाइन मंचों पर काफी बिक रहे हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में खासतौर पर राजनीति से जुड़े सामान की मांग बढ़ रही है जहां पहले कुछ चरणों में ही मतदान होना है।

पूर्वी महानगरों के थोक बाजार में सैकड़ों दुकान राजनीति से जुडे़ सामान से पटी हुई है जिसमें झंडों से लेकर चाबी के छल्ले, टोपियां, छातें और राजनीतिक दलों के चिह्न वाले चश्मे शामिल हैं।

बहरहाल, थोक बाजार में उपलब्ध सामान की गुणवत्ता और कीमत ई-कॉमर्स मंचों पर उपलब्ध सामान से काफी अलग हैं।

बड़ाबाजार में थोक में बिक रही प्रत्येक टी-शर्ट की कीमत 50 से 70 रुपये है जबकि ऑनलाइन मंचों पर यह कहीं अधिक दाम पर बिक रही हैं। वहीं, राजनीतिक तस्वीरों वाली पॉलिस्टर साड़ी की थोक बाजार में कीमत प्रति साड़ी 150 से 300 रुपये है जबकि ऑनलाइन बाजार में एक साड़ी की कीमत 500 रुपये से अधिक है।

शिवम टेक्सटाइल्स के संजय चंद्राणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘थोक बाजार में इन सामान की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है और टीएमसी से जुड़े सामान ज्यादा बिक रहे हैं। इसके बाद माकपा और कांग्रेस से जुड़े सामान की बिक्री हो रही है। हालांकि, भाजपा से जुड़े सामान की मांग कम है।’’

गुजरात के सूरत में गौरीसुट टेक्सटाइल्स के शिवम पागढ़ ने बताया कि उनसे राजनीति से जुड़े सामान के बारे में लगातार पूछा जा रहा है जो कि इनकी मांग में आयी तेजी को दिखाता है। उन्होंने अनुमान जताया कि त्योहारी मौसम के बाद इन सामान की मांग बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि कपड़ा निर्माता इस मांग को पूरा करने के लिए अपना उत्पादन बढ़ाने को तैयार हैं।

‘नोइज टी’ की सयांतनी साहा ने बताया कि राजनीतिक नारों वाली पॉलिस्टर टी-शर्ट की मांग बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी के सामान की ज्यादा मांग है जबकि भाजपा और अन्य दलों के सामान की ज्यादा मांग नहीं है। हम और मांग बढ़ने पर अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए तैयार हैं।’’

अमेजन, मीशो और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन ई-कॉमर्स मंच भी लोकसभा चुनावों के लिए लोगों के उत्साह का फायदा उठा रहे हैं और चलन में मौजूद परिधानों से लेकर चाबी के छल्लों और घर की साजसज्जा के सामान तक कई राजनीतिक सामान की बिक्री कर रहे हैं।

एक प्रमुख ई-कॉमर्स मंच के एक विक्रेता ने बताया कि अन्य दलों के मुकाबले भाजपा के सामान की बिक्री अधिक हो रही है।

भाजपा प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने बताया कि टी-शर्ट और साड़ियां जैसे रंगीन राजनीतिक परिधान किसी पार्टी की जनता के बीच मौजूदगी को बढ़ाते हैं लेकिन मतदान प्रवृत्ति राजनीतिक समझ और चुनाव की प्रकृति पर निर्भर करती है चाहे यह राष्ट्रीय स्तर पर हो या स्थानीय स्तर पर।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा कि ‘लोगो’ और तस्वीरों के माध्यम से दृश्य प्रभाव का मतदाताओं पर बड़ा असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में हमेशा कुछ नया होता रहेगा।

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