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डब्ल्यूटीओ जैसी संस्थाओं के नष्ट होने पर भारत 'मूकदर्शक' नहीं रह सकता: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्यलूटीओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्यलूएचओ) जैसी संस्थाओं...
डब्ल्यूटीओ जैसी संस्थाओं के नष्ट होने पर भारत 'मूकदर्शक' नहीं रह सकता: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्यलूटीओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्यलूएचओ) जैसी संस्थाओं में भारत का बहुत बड़ा हित है, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप "नष्ट" कर रहे हैं और ऐसे में सरकार मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान विश्व व्यापार संगठन को बहुत भारी नुकसान पहुंचा था। उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान WTO को बहुत भारी झटका लगा था। इसे ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान नष्ट कर दिया गया है।

नियम-आधारित, बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था समाप्त हो गई है, जबकि इसमें खुद अमेरिका नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाता था।" कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका का अब यह दृष्टिकोण है कि यदि बातचीत हो भी तो द्विपक्षीय रूप से, लेकिन अंततः निर्णय एकतरफा ही लिया जाए। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने डब्यलूएचओ भी ख़त्म कर दिया है और पेरिस जलवायु समझौते और यूनेस्को से हट गए हैं।

रमेश का कहना है, ‘‘ऐसे अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संस्थानों में भारत की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। वह मूकदर्शक नहीं रह सकता।" उनकी यह टिप्पणी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा एक कार्यकारी आदेश जारी करने के बाद आई है, जिसमें दुनिया भर के देशों से होने वाले निर्यात पर वाशिंगटन द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न शुल्कों की सूची दी गई है।

भारत को अमेरिका को अपने निर्यात पर 25 प्रतिशत का शुल्क देना होगा। इस कार्यकारी आदेश में उस जुर्माने का उल्लेख नहीं है जिसके बारे में ट्रंप ने कहा था कि भारत को रूसी सैन्य उपकरण और ऊर्जा की खरीद के कारण जुर्माना चुकाना होगा।

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