विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के प्रमुख नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया और एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान किया। गठबंधन ने साथ ही कहा कि सीटों का बंटवारा बहुत जल्द कर लिया जाएगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने यह संकेत दिया कि इस मोर्चे की ओर से कोई एक नेता चेहरा नहीं होगा, बल्कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को ही आगे रखकर चुनाव लड़ा जाएगा।
मुंबई के एक पंचतारा होटल में 28 दलों के 63 प्रतिनिधियों की दो दिवसीय मंत्रणा के बाद विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन के लिए 14 सदस्यीय समन्वय समिति, 19 सदस्यीय चुनाव अभियान समिति, सोशल मीडिया से संबंधित 12 सदस्यीय कार्य समूह, मीडिया के लिए 19 सदस्यीय कार्यसमूह और शोध के लिए 11 सदस्यीय समूह का गठन किया।
समन्वय समिति ही गठबंधन की सर्वोच्च इकाई के रूप में काम करेगी। इस समिति में कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, द्रमुक नेता टी आर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
इसमें जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह और समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान को भी शामिल किया गया है। माकपा से कोई एक नेता बाद में इस समिति में शामिल होंगे।
दूसरे दिन की औपचारिक बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राकांपा नेता शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल थे।
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी दल सरकार की तानाशाही और ‘मित्र परिवारवाद’ के खिलाफ लड़ेंगे।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक के बाद ठाकरे ने कहा, ‘‘आज गठबंधन की तीसरी बैठक हुई। दिन ब दिन ‘इंडिया’ मजबूत होता जा रहा है। ’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बैठक में शामिल नेता 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं और अगर वे एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे तो भारतीय जनता पार्टी का जीतना असंभव होगा। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को आसानी से हरा देगा।
बैठक में द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के साझेदारों से तुरंत एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) तैयार करने का आग्रह किया और कहा कि यही गठबंधन का चेहरा होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह (सीएमपी) विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का चेहरा होगा। भाजपा सरकार ने देश को कई तरीकों से बर्बाद कर दिया है। इसे (सीएमपी) लोगों के सामने एक खाका पेश करना चाहिए जिसमें यह बताया जाए कि बदलाव के लिए हमारी योजना क्या है।’’ आने वाले दिनों में ‘इंडिया’ के घटक दल अलग- अलग स्थानों पर जनसभाएं भी करेंगे।
विपक्षी गठबंधन की यह तीसरी बैठक थी। पहली बैठक जून में पटना में, जबकि दूसरी बैठक जुलाई में बेंगलुरु में हुई थी, जहां इसे ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) नाम दिया गया।