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मणिपुर की राज्यपाल उइके से मिला INDIA का प्रतिनिधिमंडल, अधीर रंजन चौधरी बोले- 'स्थिति बिगड़ती जा रही है'

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) के विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को...
मणिपुर की राज्यपाल उइके से मिला INDIA का प्रतिनिधिमंडल, अधीर रंजन चौधरी बोले- 'स्थिति बिगड़ती जा रही है'

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) के विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने राजभवन पहुंचा। मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान हमने जो कुछ भी देखा, जो भी अनुभव प्राप्त किया - हमने जो कहा, वह (राज्यपाल) उससे सहमत हुईं।

गौरतलब है कि महागठबंधन INDIA का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्य के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचा, जहां 4 मई से जातीय संघर्ष और हिंसा देखी जा रही है। इसी बीच टीम के सभी सदस्यों ने शनिवार को राहत शिविरों का दौरा किया। रविवार को वे राज्यपाल से मिलने पहुंचे।

मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात के बाद I.N.D.I.A गठबंधन प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया को संबोधित किया। सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "सभी 21 सांसदों ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने खुद अपना दर्द और दुख बयां किया।"

उन्होंने कहा, "इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान हमने जो कुछ भी देखा, जो भी अनुभव प्राप्त किया - हमने जो कहा, वह उससे सहमत हुई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हम मिलकर सभी समुदायों के नेताओं से बातचीत करें और समाधान निकालें।"

"उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विपक्ष और सत्तारूढ़ दल दोनों को मिलकर मणिपुर में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए और सभी समुदायों के नेताओं से बात करनी चाहिए, जो आपसी मतभेद को सुलझाने के लिए आवश्यक है।"

"राज्यपाल ने सुझाव दिया है कि मणिपुर की स्थिति का समाधान निकालने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। जैसे ही हमें मौका मिलेगा, हम संसद में केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंगे और लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों और केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कमियों को सामने रखेंगे।"

सांसद चौधरी ने कहा, "हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह देरी न करें, हमारे अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करें और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करें। स्थिति बिगड़ती जा रही है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ रही हैं।"

इससे पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा था, "हम राज्यपाल से मिलेंगे और आग्रह करेंगे कि वह जवाबदेही तय करें। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? राज्य सरकार और केंद्र किसी और पर उंगली उठा रहे हैं लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी स्वीकार नहीं कर रहे हैं...INDIA गठबंधन यहाँ है। प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री मणिपुर से क्यों गायब हैं? क्या प्रधानमंत्री केवल सरकारी उद्घाटनों और राजनीतिक भाषण देने के लिए सत्ता में आए थे?"

राजद सांसद मनोज झा ने कहा, "हम राज्यपाल से राज्य में शांति बहाल करने का अनुरोध करने जा रहे हैं। हम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे।" वहीं, इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा टीएमसी सांसद सुष्मिता देव का कहना है, ''यहां (मणिपुर) हालात अच्छे नहीं हैं, हम राज्यपाल को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपना चाहते हैं और शांति बहाल करने की अपील करना चाहते हैं। हम राज्यपाल से राज्य की स्थिति के बारे में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जानकारी देने के लिए कहेंगे।"

शनिवार को चुराचंदपुर में राहत शिविरों का दौरा करने पहुंची राज्यपाल उइके ने कहा था, "लोग पूछ रहे हैं कि राज्य में शांति कब बहाल होगी। मैं राज्य में शांति बहाल करने के हित में समुदायों और हितधारकों को एक साथ लाने के लिए निरंतर प्रयास करती हूं। हम सभी राजनीतिक दलों से भी इस प्रयास में हमारी मदद करने का आह्वान कर रहे हैं।"

विपक्षी प्रतिनिधिमंडल के दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर की राज्यपाल ने कहा, "मैं उनसे राज्य में शांति बहाल करने में योगदान देने की अपील करूंगी।" राज्यपाल ने कहा, "यहां के लोग घर लौटना चाहते हैं। मैं राज्य में शांति बहाल करने के हित में सभी दलों को एक साथ लाने का प्रयास कर रही हूं।"

बता दें कि विपक्षी गठबंधन, I.N.D.I.A का एक 21-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को इम्फाल पहुंच गया। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित मणिपुर की उनकी दो दिवसीय यात्रा का उद्देश्य "वास्तविक स्थिति का आकलन करना होगा"। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "पीएम ने अभी तक मणिपुर जाने की कोशिश भी नहीं की है। विपक्ष से झटका मिलने के बाद ही केंद्र की नींद खुली।''

मणिपुर उच्च न्यायालय के एक आदेश से राज्य में जातीय संघर्ष और हिंसा भड़क उठी है, जिसमें राज्य सरकार से मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की सूची में जोड़ने पर विचार करने के लिए कहा गया। उल्लेखनीय है कि मणिपुर के मुद्दे पर संसद में भी गतिरोध जारी है।

विपक्ष लगातार पीएम मोदी से बयान की मांग कर रहा है। यही कारण है कि संसद की कार्यवाही रोज़ प्रभावित हो रही है। कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने इस मामले में पूरे विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा था, जिसे स्पीकर ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया।

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