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'दिल्ली के जाट समुदाय के साथ 10 साल से अन्याय...', केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी, लगाया ये आरोप

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाट...
'दिल्ली के जाट समुदाय के साथ 10 साल से अन्याय...', केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी, लगाया ये आरोप

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने का आग्रह किया है। उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर पिछले 10 सालों से ओबीसी आरक्षण के नाम पर समुदाय को "धोखा" देने का आरोप लगाया।

केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "दिल्ली सरकार की ओबीसी सूची में जाट समुदाय शामिल है, लेकिन केंद्र की ओबीसी सूची में दिल्ली का जाट समुदाय शामिल नहीं है। दिल्ली के जाट समुदाय के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करने पर आरक्षण नहीं मिलता है।"

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार के संस्थान दिल्ली के जाट समुदाय को आरक्षण नहीं देते। यह दिल्ली में रहने वाले जाट समुदाय के साथ अन्याय है।"

केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के जाट समुदाय से वादा किया था कि उन्हें केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, "2015 में आपने (पीएम मोदी) जाट समुदाय के नेताओं को अपने घर बुलाया था और वादा किया था कि दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल किया जाएगा।"

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी समुदाय से इसी तरह के वादे किए थे। आप प्रमुख केजरीवाल ने कहा, "यदि राजस्थान के जाट समुदाय के छात्रों को डीयू में आरक्षण मिलना है तो दिल्ली के जाट समुदाय को क्यों नहीं मिलता? दिल्ली के जाट समुदाय के हजारों बच्चों को केंद्र की ओबीसी सूची में नहीं होने के कारण डीयू में दाखिला नहीं मिल पाता है।"

केजरीवाल ने आरोप लगाया, "दिल्ली में ओबीसी सूची में होने के बावजूद मोदी सरकार जाटों को केन्द्र सरकार के संस्थानों में लाभ नहीं मिलने दे रही है।"

केंद्र के खिलाफ उनका हमला आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में आया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव एक ही चरण में 5 फरवरी को होंगे और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है। नामांकन पत्रों की जांच की तिथि 18 जनवरी है। जबकि नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है।

दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई है। वहीं, 2020 के विधानसभा चुनावों में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतकर दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को केवल आठ सीटें मिलीं।

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