कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ‘महाविजय’ की उम्मीद जताते हुए मंगलवार को कहा कि 10 नवंबर को मतगणना वाले दिन राजद नेता तेजस्वी यादव के आलोचक ‘खामोश’ हो जाएंगे।
सिन्हा ने यह दावा भी किया कि महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी के खिलाफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से निजी हमले किए जा रहे हैं क्योंकि 10 लाख नौकरियों के वादे से विरोधी दल पूरी तरह घबराए हुए हैं।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘दीवार पर लिखी इबारत साफ नजर आ रही है कि हमारे अपने बहुआयामी, चर्चित और लोगों की अकांक्षा एवं आशा बन चुके तेजस्वी यादव की अगुवाई में युवा ब्रिगेड ‘बिहार पुत्र’ लव सिन्हा जैसी उनकी युवा टीम एवं अन्य के साथ मिलकर बड़ी जीत हासिल कर रही है और सरकार बनाने जा रही है।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, ‘बिहार में महागठबंधन की जीत सुनिश्चित है क्योंकि लोग ऐसा ही चाहते हैं। युवा दिलों की धड़कन राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को लेकर जो उत्साह है, मैं तो यही कहूंगा कि यह देखकर आपको जीत का विश्वास हो जाएगा।’
तेजस्वी का अनुभव कम होने संबंधी आलोचना को लेकर सिन्हा ने अपने चित-परिचित अंदाज में कहा कि 10 नवंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद उनके आलोचक पूरी तरह ‘खामोश’ हो जाएंगे।
उन्होंने विकास के मुद्दों के बारे में बात नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात की थी, लेकिन अब ‘कांग्रेस युक्त भारत’ हो रहा है।
सिन्हा के मुताबिक, कांग्रेस देश की आजादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा योगदान देने वाली पार्टी है तथा वह ‘पुरानी, शानदार, साहसिक और सुंदर’ पार्टी भी है और इस बारे में यह कहा जाता है कि ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ बनाया जाएगा, लेकिन ‘काग्रेस युक्त भारत’ बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मेरे मित्र हैं और प्रधानमंत्री के पद पर होने की वजह से इस देश के अभिभावक हैं। परंतु उन्होंने एक बार भी समस्याओं के समाधान के बारे में बात नहीं की। दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उन्होंने बिहार से किए एक भी वादे को पूरा नहीं किया।’
सिन्हा ने तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियों के वादे का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे राजग के लोग घबरा गए हैं।
सिन्हा ने तेजस्वी को ‘जंगलराज का युवराज’ कहने के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की और सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई ऐसी भाषा का इस्तेमाल करे तो उन्हें कैसा महसूस होगा?
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री बिहार में चीन, तीन तलाक, अनुच्छेद 370 के बारे में बात कर रहे हैं. यहां तो विकास, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, नौकरियों, प्रति व्यक्ति आय और किसानों के बारे में बात करनी चाहिए।’
तेजस्वी की सभाओं में भीड़ उमड़ने का हवाला देते हुए सिन्हा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री की रैलियों में बसों और ट्रकों में भरकर लोग लाए गए, फिर भी लोगों की भीड़ की कमी थी।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री, उनके लोग और बिहार सरकार राहुल गांधी और तेजस्वी तथा मेरे जैसे लोगों के सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं।