बीते पांच साल में आम आदमी पार्टी के जिन भी नेताओं को जेल काटनी पड़ी उनमें सबसे लंबी कैद पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को हुई। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें मई 2022 में गिरफ्तार किया था। उनके ऊपर हवाला के आरोप थे। बिना जमानत, सुनवाई या मुकदमे के उन्होंने दो साल से ज्यादा समय जेल में काटा है। शकूर बस्ती से तीन बार विधायक रहने के पहले जैन का कोई राजनैतिक करियर नहीं था, वे पेशे से वास्तुकार थे जो अन्ना आंदोलन से प्रभावित होकर उसके साथ आ जुड़े। सौम्य छवि और लोकप्रियता के कारण कुछ लोग इस बार उन्हें मुख्यमंत्री पद का मजबूत दावेदार भी बता रहे हैं, हालांकि उनके ऊपर कायम मुकदमे की सुनवाई का शुरू होना अब भी बाकी है। फिर भी पूरी ताकत से वे चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। चुनाव के बीच जैन ने भाजपा की सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसकी सुनवाई मतदान से ठीक पहले 1 फरवरी को होनी है। इस बीच, अपनी शकूर बस्ती विधानसभा में प्रचार के दौरान वे लोगों से बस इतना कह रहे हैं कि आप अच्छे प्रत्याशी को वोट दीजिए। मीराबाग में एक जनसभा के लिए जाते वक्त अभिषेक श्रीवास्तव ने सत्येंद्र जैन से संक्षिप्त बातचीत की।
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी का आकलन क्या है?
मेरी शकूर बस्ती विधानसभा में जो माहौल है वह 2020 से बेहतर है। पूरी दिल्ली में जो चुनावी माहौल है वह भी 2020 से बेहतर ही है।
दिल्ली में माहौल बेहतर होने की वजह आपके मुताबिक क्या है?
इसकी काफी सारी वजहें हैं। एक तो ये है कि दिल्ली में हमने बहुत सारे काम किए हैं और दिन पर दिन काम बेहतर ही होता जा रहा है। काम के साथ-साथ हुआ क्या है कि ढाई साल पहले उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया, फिर मनीष जी को, फिर अरविंद जी, सबको गिरफ्तार कर लिया। हमारे को अरेस्ट करने के बाद ये तो है नहीं कि भाजपा ने कोई काम कर दिया हो। जनता का काम तो कभी किया नहीं। तो जनता कहने लगी कि इनको तो तुमने अरेस्ट कर लिया, तो तुम ही कर देते कुछ काम। काम तो एक भी नहीं किया न? तो जनता को ये पता लग गया कि काम तो हम ही करेंगे, और कोई नहीं करेगा। राजनीति करने के लिए तो लोकसभा की सीटें चुन ही ली हैं उन्होंने लड़ने-झगड़ने के लिए, मरने-मारने के लिए, लेकिन अब उनको काम करने के लिए भी चाहिए लोग यानी एमलए चाहिए जो काम कर सकें। यानी दिल्ली में काम करने वाली एक सरकार चाहिए। उसके लिए लोगों को केजरीवाल पर भरोसा है, केजरीवाल के एमएलए पर भरोसा है।
इस बार भाजपा बहुत ताकत लगा रही है, बेचैन है। उसकी स्थिति को कैसे देखते हैं आप?
देखो, चुनाव से पहले तो सब कहते ही हैं। वो उनकी पोजीशनिंग होती है। पिछली बार वे कहते थे कि भाजपा की 42 सीटें आएंगी। आठ सीटें आईं। तो इस बार जितनी भी वे कह रहे हैं उसका पांचवां हिस्सा लगा लो। वन-फिफ्थ आएंगी।
आप लोगों के साथ जो हुआ, गिरफ्तारियां हुईं सबकी, उससे लोगों में सहानुभूति पैदा हुई है या कोई प्रतिकूल असर है? मतदाताओं की धारणा क्या बनी है आपके हिसाब से?
भाजपा के खिलाफ जा रहा है ये। इतना तो अत्याचार अंग्रेजों ने भी नहीं किया। ऐसे-ऐसे केस बनाकर जेलों में डाल दिया जिनके अभी तक चार्ज भी फ्रेम नहीं हुए। अगर आप आठ-आठ साल में चार्ज फ्रेम नहीं कर रहे हैं और लोगों को जेल में डाल रहे हैं, तो ये कोई तरीका तो नहीं होता। इस तरीके से तो आप किसी को भी पकड़ के जेल में डाल दो आजीवन, कह दो हम ट्रायल कर रहे हैं। अरे? किसी को जेल में डालना है तो ये तरीका थोड़े है? तुम्हारे राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, देश के दुश्मन थोड़े हैं भाई।
आपके केस की स्टेटस क्या है अभी?
केस तो अभी शुरू ही नहीं हुआ। अभी तक तो कुछ हुआ ही नहीं शुरू। चल रहा है सब, लेकिन केस का स्टेटस अभी निल बटा सन्नाटा है।
क्या आपको कोई आशंका है कि चुनाव के बाद दोबारा आप लोगों को जेल में भेजा जा सकता है?
देखो, हम ध्यान दे रहे हैं काम पर। वो अपने काम पर ध्यान दें, हम अपने काम पर ध्यान दे रहे हैं।