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तो क्या हिंदुत्व और राम मंदिर के बजाय विकास होगा 2019 में भाजपा का मुद्दा

उपचुनावों में मिल रही लगातार हार के बाद क्या भाजपा 2019 में होने वाले आम चुनाव में हिंदुत्व और राम मंदिर...
तो क्या हिंदुत्व और राम मंदिर के बजाय विकास होगा 2019 में भाजपा का मुद्दा

उपचुनावों में मिल रही लगातार हार के बाद क्या भाजपा 2019 में होने वाले आम चुनाव में हिंदुत्व और राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दे छोड़ देगी। इस तरह के कयास केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी के बयान के बाद लगाए जा रहे हैं।  नकवी ने सिर्फ और सिर्फ विकास को 2019 में भाजपा का चुनावी मुद्दा बताया।

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार जब मुख्तार अब्बास नकवी से पूछा गया कि क्या 2019 लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व और राम मंदिर चुनावी मुद्दा होगा तो उन्होंने साफ जवाब दिया कि मुद्दा सिर्फ विकास, विकास और विकास होगा। इसके अलावा हमारा कोई मुद्दा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता ख्वाब देखना बंद कर दें क्योंकि 2019 में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई जगह खाली नहीं है।

भाजपा नेता ने उम्मीद जताई कि अगले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन सत्ता बरकरार रखेगा।  पणजी में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मोदी विरोधी मोर्चे’ में प्रधानमंत्री पद के दो दर्जन से अधिक दावेदार हैं और वे स्थिरता प्रदान नहीं कर पाएंगे।

नकवी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक ताकतें अल्पसंख्यकों में डर पैदा कर नरेंद्र मोदी सरकार के विकास, शांति और समृद्धि के एजेंडे को बाधित करने की कोशिश कर रही हैं। उऩ्होंने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक और उनके हक सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं जो मोदी विरोधी मोर्चे के साथ खड़े हो रहे हैं लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि 2019 में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई जगह खाली नहीं है।

नकवी ने कहा कि संप्रदायवाद, परिवारवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद की राजनीति करने वाली कांग्रेस एवं उसके सहयोगियों को विकासवादका माहौल हजम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का एजेंडा है- समावेशी-सर्वस्पर्शी विकास। कुछ पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “कोसते-कोसते जनता से कोसो दूर चली गईं हैं, कोसने वालों और काम करने वालों में प्रतियोगिता चल रही है

भाजपा नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 4 वर्षों में डेवलप्मेंट विद डिगनिटी (सम्मान के साथ सशक्तिकरण) और डेवलप्मेंट विदऑउट डिस्क्रिमिनेशन (बिना भेदभाव के सशक्तिकरण) के संकल्प के साथ काम किया है।

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