भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर वित्त मंत्री अरुण जेटली की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को दोषपूर्ण ढंग से लागू करने पर आलोचना की है। उन्होंने आज अहमदाबाद में कटाक्ष किया कि जेटली गुजरात के लोगों के लिए ‘बोझ’ बन गए हैँ। जेटली गुजरात से ही राज्यसभा के सदस्य हैं।
सिन्हा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को नोटबंदी और जीएसटी लागू करने से दोहरा झटका लगा है। सिन्हा को ‘लोकशाही बचाओ आंदोलन’ के कार्यकर्ताओं ने गुजरात की वर्तमान आर्थिक स्थिति और नोटबंदी तथा जीएसटी के राज्य पर पड़े प्रभाव पर विचार व्यक्त करने के लिए बुलाया था। इस कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “हमारे वित्त मंत्री गुजरात से नहीं हैं लेकिन वे यहां से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। वे गुजरात के लोगों के लिए बोझ बन गए हैं। अगर वे यहां से नहीं चुने जाते तो एक गुजराती को यहां से मौका मिलता।” सिन्हा ने कटाक्ष किया कि वित्त मंत्री केवल एक नियम को मानते हैं और वह है ‘चित्त भी मेरी और पट्ट भी मेरी।’
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री हर काम का श्रेय लेते हैं चाहे वह सही तरीके से लागू हुआ हो या नहीं। अगर जीएसटी की दरें लागू करने के पहले उचित ध्यान दिया गया होता तो ऐसी विसंगतियों और अराजकता से बचा जा सकता था।
जेटली द्वारा खुद पर 80 साल की उम्र में काम की तलाश वाले बयान पर सिन्हा ने कहा कि वह किसी ‘मार्गदर्शक मंडल’ के सदस्य नहीं है। जेटली की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वह अभी भी फिट हैं जबकि दूसरे बैठ कर भाषण देते हैं। जेटली ने स्वास्थ्य कारणों से बजट पेश करने के दौरान बैठ कर बोले थे। ऐसे लोगों के मेरी उम्र के बारे में कोई हक नहीं है।
बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनमें और उनके बेटे व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश भी की, लेकिन इन्हें सफलता नहीं मिली। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिस उद्देश्य से नोटबंदी का फैसला लिया गया वह विफल रहा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गोल पोस्ट बदलने का आरोप लगाया।