कांग्रेस के जम्मू कश्मीर प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने शनिवार को कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद किया जाना अनैतिक और अलोकतांत्रिक है।
जम्मू-कश्मीर पर परिसीमन आयोग की सिफारिशों के विरोध में पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) द्वारा निकाले जाने वाले 'मार्च' से पहले फारूक अब्दुल्ला सहित कई और राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लिया गया। फारूक अब्दुल्ला के अलावा, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया है।
मीर ने एक बयान में कहा, "परिसीमन आयोग के मसौदे के विरोध में प्रस्तावित धरने से पहले, डॉ फारूक अब्दुल्ला जैसे प्रमुख नेता को नजरबंद रखना अनैतिक है और यह भारतीय लोकतंत्र की मूल नींव के खिलाफ है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
पीएजीडी, जम्मू और कश्मीर-आधारित मुख्यधारा के 5 राजनीतिक दलों द्वारा गठित एक गठबंधन है, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस और भी पीडीपी शामिल हैं। यह गठबंधन अगस्त 2019 में केंद्र द्वारा रद्द किए गए जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य की विशेष स्थिति की बहाली की मांग करता है।
मीर ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि इस तरह का "अलोकतांत्रिक कदम" (नेताओं को हिरासत में लेना) जम्मू-कश्मीर के लोगों को और निराश करता है, जो पहले से ही वर्तमान सरकार में विश्वास खो चुके हैं।"