लिंचिंग के दोषियों को माला पहनाकर सम्मान करने के बाद विवादों में आए केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने इस मामले में खेद जताया है। छह जुलाई को जयंत सिन्हा के साथ झारखंड के रामगढ़ में एक मांस विक्रेता की हत्या के आठ दोषियों के साथ तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद विपक्षी दलों ने ही नहीं बल्कि उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी उनकी आलोचना की थी।
जयतं सिन्हा ने बुधवार को कहा कि मैंने कई बार कहा है कि यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर बात करना सही नहीं है। कानून अपना काम करेगा। हमने सदैव दोषियों को दंडित करने और निर्दोषों को बचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें (रामगढ़ लिंचिंग केस के दोषी) माला पहनाने से यह संदेश गया है कि मैं इस तरह की घटनाओं का समर्थन करता हूं तो मैं इसके लिए खेद जताता हूं।
अपने बेटे की आलोचना करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा था कि पहले मैं लायक बेटे का नालायक पिता था, लेकिन रोल बदल चुके हैं। ऐसा ट्विटर पर लोग कह रहे हैं। मैं बेटे के फैसले से इत्तेफाक नहीं रखता हूं। मुझे पता है कि इसके बाद भी ट्विटर पर मेरा अपमान ही होगा। आप कभी जीत नहीं सकते।
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उस ऑनलाइन पेटीशन का समर्थन किया है, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष से जयंत सिन्हा के एल्युमनी स्टेट्स (पूर्व छात्र की पदवी) वापस लेने की मांग की गई है। चेंज डॉट ओआरजी पर यह पेटीशन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अन्य पूर्व छात्र प्रतीक कंवल ने शुरू की है। राहुल गांधी ने इस पेटीशन के लिंक को ट्वीट करते हुए लिखा है कि अगर आपको उच्च शिक्षित सांसद और एक केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा एक निर्दोष व्यक्ति के मॉब लिंचिंग के दोषियों को माला पहनाना और उनका सम्मान करना व्यथित कर रहा है तो इस लिंक पर क्लिक करें और इस पेटीशन का समर्थन करें।