छत्तीसगढ़ के दुर्ग में स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की मान्यता 2017 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने रद्द कर दी थी। राज्य की भूपेश बघेल सरकार अब एक कानून के जरिए इसका अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है। इसी को लेकर पूरा विवाद गरमाया हुआ है।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया है, "भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में हैं। प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए,वो भी एक ऐसा मेडिकल कॉलेज जिस पर धोखाधड़ी के आरोप मडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा लगाए गए थे।कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ,इसकी परिभाषा अब साफ है!"
अब इस वार के पलटवार में भूपेश बघेल का भी जवाब आया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, "चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर प्रकाशित एक समाचार पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वे सब निराधार है। यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है। इससे एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा व हर साल प्रदेश को डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे।"
आगे सीएम बघेल ने अपने संबंधों को लेकर भी बचाव किया है। उन्होंने कहा है, "जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है तो मैं अपने प्रदेश की जनता को यह बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदायी है और उसने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है, सरकार में भी हमेशा पारदर्शिता ही होगी। सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा। यह खबर कल्पनाशीलता की पराकाष्ठा से उपजा विवाद है। जिसे मैं चुनौती देता हूं। अगर जनहित का सवाल होगा तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज भी ख़रीदेगी और नगरनार का संयंत्र भी। हम सार्वजनिक क्षेत्र के पक्षधर लोग हैं और रहेंगे। हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं।"
मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है। इसके बाद से सिंधिया और भूपेश बघेल में ठनी है। बघेल ने तंज कसते हुए सिंधिया को बिकाऊ कहा था। बघेल ने कहा था, “सरकार एयर इंडिया को बेचने जा रही है और उस मंत्रालय की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों में दी गई है। एयर इंडिया का लोगो ‘महाराजा’ है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और एयर इंडिया दोनों ही बिकाऊ हैं।"