कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा के दो सांसदों के खिलाफ संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे। उन्होंने इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिख दिया है।
अपने ऊपर भाजपा के दो सांसदों द्वारा लोकसभा में लगाए झूठे और निराधार आरोप से आहत होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे।
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र के एक मामले में दो भाजपा सांसदों- वीरेंद्र कुमार एवं मनोहर ऊंटवाल ने उन पर दलित विरोधी टिप्पणी की थी। अब इस बारे में सिंधिया ने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। इसमे उन्होंने कहा है कि जो घटना हुई ही नहीं और जिस बयान से उनका कोई वास्ता नहीं, उसके आधार पर संसद का कोई सदस्य इस तरह के आरोप कैसे लगा सकता है? दोनों माननीय सदस्यों ने सदन में झूठे आरोप लगाकर ना सिर्फ उनकी मानहानि की है, बल्कि लोकतंत्र की मान्य परंपराओं को भी तोड़ा है।
सिंधिया ने कहा है कि दोनों सदस्यों ने एक मनगढंत घटना के आधार पर उन्हें दलित- विरोधी कहा, जिससे वे बहुत आहत हैं।
अपनी बात को दोहराते हुए सिंधिया ने कहा कि ना तो उन्होंने दलित विरोधी कोई टिप्पणी की और ना ही उस सरकारी भवन को गंगाजल से धोने जैसी कोई घटना हुई, जिसके आरोप भाजपा के नेताओं द्वारा लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता सबूत दिखाएं या बिना शर्त माफ़ी मांगें।
कल सिंधिया ने भाजपा के एक और सांसद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान को भी इसी मामले में कानूनी नोटिस भेजा है। चूंकि श्री वीरेंद्र कुमार और श्री ऊंटवाल ने सदन भीतर अपनी बात कही, इसलिए उनके विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया है, जबकि श्री चौहान ने सदन के बाहर ये झूठे आरोप लगाए, अतः उनको कानूनी नोटिस भेजा गया है।