कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और नीति अयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के बयान को चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता उल्लंघन करार दिए जाने के बाद पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
आयोग ने माना है कि आपके राजीव कुमार और कल्याण सिंह के बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। इसे लेकर पूर्व वित्त मंत्री ने इन दोनों से इस्तीफे की मांग की।
चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा, "राज्यपाल कल्याण सिंह और नीति अयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। चुनाव आयोग के फैसले के बाद उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।"
शुक्रवार को चुनाव आयोग ने कांग्रेस की प्रस्तावित न्यूनतम आय योजना 'न्याय' के खिलाफ नीति आयोग उपाध्यक्ष की टिप्पणी पर "नाराजगी" व्यक्त की।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कुमार के जवाब को असंतोषजनक बताते हुये कहा कि उनका बयान निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करता है। आयोग ने कुमार के बयान से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर जारी आदेश में यह बात कही है।
राजीव कुमार के इस बयान पर चुनाव आयोग हुआ सख्त
उल्लेखनीय है कि कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा घोषित न्याय योजना के तहत देश के 20 करोड़ निर्धन परिवारों को न्यूनतम आय के रूप में सालाना 72 हजार रुपये देने की आलोचना करते हुये इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदायक बताया था।
बतौर लोकसेवक, उनके बयान से आचार संहिता का उल्लंघन होने की शिकायत पर आयोग द्वारा जारी नोटिस के जवाब में दो अप्रैल को कुमार ने कहा था कि उन्होंने न्याय योजना के बारे में अर्थशास्त्री के तौर पर अपनी निजी राय व्यक्त की थी। कुमार ने कहा था कि उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में बयान नहीं दिया था।
आयोग ने कुमार के जवाब पर नाखुशी जाहिर करते हुये कहा कि चुनाव आचार संहिता के प्रावधान प्रत्येक लोकसेवक से निर्वाचन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा करते हैं। इसके लिये लोकसेवकों को तटस्थ रवैया अपनाना चाहिये, जिससे चुनाव प्रक्रिया के सभी पक्षकारों के मन में कोई भ्रम पैदा न हो।
चुनाव आयोग ने कल्याण सिंह की टिप्पणी को भी माना मॉडल कोड का उल्लंघन
इससे पहले, चुनाव पैनल ने सोमवार को निष्कर्ष निकाला था कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की वापसी का समर्थन करने वाली सिंह की टिप्पणी मॉडल कोड का उल्लंघन है।