लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सोमवार को अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण संशोधन बिल, बढ़ते अपराध से लेकर केंद्रीय मंत्रियों और आरएसएस के नेताओं के संविधान बदलने वाले बयान पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिल का समर्थन करती है पर मोदी सरकार इसे चुनावों को ध्यान में रखकर ला रही है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि आगे की सुरक्षा लिए इस बिल को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 से जोड़ा जाए।
कांग्रेस करती है बिल का समर्थन
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण संशोधन बिल का स्वागत करती हैं। उन्होंने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से राज्यों में चुनाव आ रहे हैं यही सोच कर मोदी सरकार ने इस बिल को संसद में रखा है। कांग्रसे नेता ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि हर 15 मिनट में दलित पर अत्याचार होता है। इतना ही नहीं पिछले चार साल में कम से कम 45 फीसदी अपराध बढ़े हैं।
खड़गे ने कहा कि आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद अनुसूचित जाति /जनजाति से जुड़े अध्यादेश को लैप्स होने दिया। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में दलित वंचितों ने जो विरोध प्रदर्शन किया, उसने सरकार की आंखें खोलने का काम किया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति पर अत्याचार ख़त्म करने के लिए कांग्रेस पार्टी कोशिश करती आई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट फैसले के बाद, 27 मार्च को सर्वदलीय प्रतिनिधि ने मंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात कर उनको ज्ञापन दिया, लेकिन मोदी सरकार इस मुद्दे पर जागृत नहीं हुई।
संविधान बदलने वाले बयान पर चुप क्यों रहते हैं मोदी
मल्लिकार्जुन ने कहा कि आरएसएस के लोग और केंद्रीय मंत्री जब कहते हैं कि हम संविधान बदलने आए हैं तो मोदी जी चुप क्यों रहते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि यय सरकार चंद लोगों के हित में ही काम कर रही है।
लोगों की रक्षा करने में विफल रहे हैं प्रधानमंत्री
मल्लिकार्जुन ने कहा कि मोदी सरकार नौकरियाँ देने और लोगों की रक्षा करने में भी विफल रही है। कांग्रेस नेता नेकहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा ‘नौकरियां नहीं है इसलिए आरक्षण की क्या ज़रूरत है’, ये किस प्रकार का बयान है? कम से कम जो बैकलॉग है उसी को पूरा करें।