केरल में वाम मोर्चे की जीत के बाद निकली एक रैली में भाजपा के एक कार्यकर्ता की कथित तौर पर वाम समर्थकों द्वारा हत्या किए जाने के मुद्दे पर रविवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। गडकरी ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा कि भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता माकपा के अत्याचारों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उचित कार्रवाई नहीं कर रही। गडकरी ने कहा, हमने राष्ट्रपति को इन घटनाओं की तस्वीर समेत जानकारी दी है। हमारा कार्यकर्ता प्रमोद मारा गया। 100 से अधिक कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ की गई। हालात ठीक नहीं हैं। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वह उचित कार्रवाई करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा, निर्मला सीतारमण और राजीव प्रताप रूड़ी, सांसद मीनाक्षी लेखी तथा एम जे अकबर और केरल भाजपा के अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन शामिल थे।
इससे पहले रविवार को दिन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के गोल मार्केट स्थित माकपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का विरोध करने के लिए माकपा कार्यकर्ता भी सड़क पर आ गए जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच मामूली झड़प हुई। भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पुलिस बैरियर को तोड़ दिया और माकपा कार्यालय के साइनबोर्ड को क्षतिग्रस्त कर दिया। डीसीपी (नई दिल्ली) जतिन नरवाल ने बताया कि कानूनी प्रावधानों के तहत करीब 600 लोगों को हिरासत में लिया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। गोल मार्केट इलाके में स्थित माकपा कार्यालय के चारों ओर चार चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और पुलिस की कई टीमें तैनात की गई थीं।
माकपा ने पलटवार करते हुए भाजपा और आरएसएस को केरल में हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया कि ये भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ता हैं जिन्होंने वाम दलों के नेताओं के विजय जुलूस पर हमला किया क्योंकि भगवा संगठन जनादेश को स्वीकार करने की इच्छुक नहीं हैं। यह पूरे राज्य में हुआ है। येचुरी ने कहा, भाजपा केरल की जनता के लोकतांत्रिक जनादेश को स्वीकार नहीं करना चाहती है। पार्टी मुख्यालय के बाहर भाजपा के प्रदर्शन की तुलना हत्या पर उतारू भीड़ को भडकाने से करते हुए उन्होंने कहा कि चुनौती का लोकतांत्रिक तरीके से सामना किया जाएगा। येचुरी ने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा की कुल 820 सीटों के लिए हाल में हुए चुनाव में भाजपा को सिर्फ 64 सीटें मिलीं जबकि वाम मोर्चा को 124 सीटें मिलीं। उन्होंने कहा, और वे इस वास्तविकता को जानते हैं। इसलिए, आगे बढ़कर, वे ऐसी हिंसा कर अपने वोट बैंक को मजबूत बनाने के लिए सांप्रदायिक धुव्रीकरण का सहारा ले रहे हैं।
प्रदर्शन के बाद भाकपा नेता डी राजा ने कहा, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कल जो कहा, वह वास्तव में अन्य राजनीतिक दलों को धमकी देना है। भाजपा ने आज माकपा कार्यालय में जो किया, वह और कुछ नहीं बल्कि सडॉक पर हत्या पर उतारू भीड़ को भडॉकाना है। भाजपा के प्रदर्शन को फासीवादी तौर तरीके का हिस्सा बताते हुए राजा ने कहा कि ऐसे हमले से वाम मोर्चा को नहीं डराया जा सकता। माकपा नेता प्रकाश करात ने कहा, हमले में कोई घायल नहीं हुआ। लेकिन वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें ऑफिस में आने से नहीं रोका। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कल चेतावनी दी थी कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं पर हमले को सहन नहीं करेगी।