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रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पटना पहुंचे, कहा-एनडीए एकजुट

बिहार एनडीए में सीटों को लेकर भाजपा पर बनाए गए दबाव की राजनीति के बीच राष्ट्रीय लोक समता पार्टी...
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पटना पहुंचे, कहा-एनडीए एकजुट

बिहार एनडीए में सीटों को लेकर भाजपा पर बनाए गए दबाव की राजनीति के बीच राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को पटना पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि वे गुरुवार को निजी कारणों से एनडीए के डिनर में नहीं आ पाए थे। कुशवाहा ने दावा किया कि गठबंधन एकजुट है।  

समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में मैं भले ही मौजूद नहीं था पर मेरी पार्टी के नेता वहां उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि उनके नहीं आने का अलग मतलब नहीं निकाला जाए। जब उनसे पूछा गया कि उनकी गैरमौजूदगी इस बात का इशारा तो नहीं करती कि आपके एनडीए के सहयोगियों से कुछ मतभेद हैं तो कुशवाहा ने कहा, “अमित शाह भी इस डिनर में नहीं थे। क्या आप उनसे ऐसा सवाल पूछेंगे?”

उन्होंने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि द्वारा गुरुवार को कुशवाहा को बिहार में चेहरा बनाकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने संबंधी बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रालोसपा प्रमुख ने कहा कि यह सवाल नागमणि से ही पूछा जाना चाहिए।

नागमणि एनडीए की डिनर में शामिल हुए थे। यहां जाने से पहले उन्होंने कहा था कि कुशवाहा उस जाति समूह का प्रतिनिधत्व करते हैं जिसकी संख्या बिहार की आबादी का दस फीसदी है। ऐसे में उन्हें एनडीए के नेता के रूप में पेश करने से चुनाव में गठबंधन को फायदा होगा। उऩ्होंने कहा था कि नीतीश कुमार को चेहरा बनाने से फायदा नहीं होगा।

हालांकि रालोसपा प्रमुख गठबंधन में सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं पर उसके करीबी सूत्रों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि बिहार में एनडीए नेता जिस तरह के कुशवाहा से व्यवहार कर रहे हैं उससे वे नाराज हैं। उन्होंने कहा कि कुशवाहा को पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में आमंत्रित नहीं किया था। इसी तरह का आयोजन शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा किया जा रहा है और इसमें भी उन्हें नहीं बुलाया गया है।

बिहार में जदयू द्वारा बिहार एनडीए में खुद को बड़ा भाई बताने और सीटों के बड़े हिस्से पर दावा किए जाने के बाद विवाद बढ़ा है। गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा भी पहले जदयू में थे पर 2013 में उन्होंने पार्टी छोड़क रालोसपा का गठन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी राज्यसभा सीट से भी त्यागपत्र दे दिया था। लोक सभा में इस पार्टी के तीन और जदयू को दो सांसद हैं। विधानसभा में जदयू के 70 को रालोसपा के दो विधायक हैं।

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