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भूमि विधेयक जीवन या मरण का विषय नहीं: मोदी

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को तीसरी बार लागू करने के निर्णय के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि यह विधेयक उनके लिए जीवन या मरण का विषय नहीं है और वह इस बारे में कोई भी सुझाव स्वीकार करने को तैयार हैं।
भूमि विधेयक जीवन या मरण का विषय नहीं: मोदी

द टिब्यून समाचारपत्र को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह मेरे लिए जीवन या मरण का विषय नहीं है। और न ही यह मेरी पार्टी या सरकार का एजेंडा था।’

एक अन्य साक्षात्कार में मोदी ने राहुल गांधी द्वारा उनकी सरकार पर की गई सूट-बूट की सरकार की टिप्पणी पर तीखा प्रहार किया। एएनआई को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा,  सूट-बूट निश्चित तौर पर सूटकेस से अधिक स्वीकार्य है। 60 वर्षाोंतक शासन करने के बाद कांग्रेस को अचानक गरीबों का स्मरण हो आया। कांग्रेस की अदूरदर्शी नीति के कारण इस देश के लोगों को काफी सहना पड़ा और वे गरीब बने रहे।

कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए मोदी ने कहा, क्या कोयला और स्पेक्ट्रम घोटाले या राष्ट्रमंडल विफलता से गरीबों को कोई लाभ हुआ? सभी लोगों को पता है कि इसके लाभार्थी कौन थे... कुछ चुने हुए उद्योगपति और ठेकेदार।

पूर्व सैनिकों के लिए एक रैंक, एक पेंशन से जुड़े विवाद पर प्रधानमंत्री ने उक्त समाचारपत्र से कहा, हम एक रैंक, एक पेंशन के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हम एक रैंक, एक पेंशन की परिभाषा के बारे में रक्षा कर्मियों से विचार विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारी सरकार यहां पांच वर्ष के लिए है और हम संबंधित लोगों से विचार-विमर्श किए बिना कुछ भी नहीं कर सकते। बातचीत सक्रियता से आगे बढ़ रही है। इस बारे में किसी तरह के संदेह की जरूरत नहीं है।

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