लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएम) और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के 26 सांसदों को पांच दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। ये सभी सांसद लगातार वेल में आकर हंगामा कर रहे थे।
एआईडीएमके के सदस्य कावेरी बांध के मुद्दे और टीडीपी के सांसद आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा कर रहे कुछ सदस्यों ने स्पीकर की तरफ कागज के टुकड़े भी उछाले। इस पर स्पीकर ने कहा कि इन लोगों के नाम दीजिए।
स्पीकर ने कांग्रेस सांसदों को फटकारते हुए कहा कि संसद में ऐसा बर्ताव शोभनीय नहीं है। उन्होंने नियम 374 ए के तहत वेल में आने को लेकर सांसदों के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
लगातार कर रहे थे हंगामा
बुधवार को जैसी ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो एआईएडीएमके और टीडीपी के सदस्य हंगामा करने लगे। एक बार सदन के स्थगन के बाद कार्यवाही दोबारा फिर शुरू हुई तो सदन में सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और सदन की बैठक चलने देने की अपील की। उन्होंने सदस्यों से कहा कि यहां हंगामा करने से आपके मुद्दे का समाधान नहीं होगा।
बाद में एआईएडीएमके के सस्पेंड सदस्यों ने संसद परिसर में मार्च निकाला और विरोध में नारेबाजी की।
रूल्स कमेटी ने लिया है फैसला
संसद सत्र में लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सांसद अकसर वेल में आकर हंगामा करते हैं। लेकिन अब यह हंगामा उनके लिए खतरे से खाली नहीं है। हाल ही में लोकसभा रूल्स कमेटी ने ऐसा करने वालों को खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। इस नए नियम के तहत वेल में जाकर हंगामा करने वाले सांसदों को सस्पेंड किया जा सकता है। वहीं अपनी सीट पर खड़े होकर हंगामा करने वाले सांसदों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर निर्णय लेते हुए अगली लोकसभा पर छोड़ने के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद लोकसभा रूल्स कमेटी ने कुछ दिन पहले ही उसे नहीं मानते हुए यह फैसला लिया था।