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भाजपा को "पंजे" वाली बायोमेट्रिक मशीनों पर आपत्ति, कहा- 'हो रहा कांग्रेस का प्रचार’

अब इसको सस्ता प्रचार पाने का माध्यम कह लीजिये या चुनावी नियम-कायदों का पालन कराने को लेकर सियासी...
भाजपा को

अब इसको सस्ता प्रचार पाने का माध्यम कह लीजिये या चुनावी नियम-कायदों का पालन कराने को लेकर सियासी नेताओं की असल गंभीरता, मगर मध्यप्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की अजब-गजब शिकायतों का दौर जारी है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनावी घमासान तेज होने के बीच बीजेपी के दो नेताओं ने यहां अजीब किस्म की शिकायत दर्ज कराई है। जगमोहन वर्मा और घनश्याम व्यास ने यहां रेलवे आरक्षण कार्यालय में रखीं दो बायोमेट्रिक मशीनों पर आपत्ति जतायी है, जिनके उपयोग के लिये लोगों को अपने हाथ के पंजे की छाप देनी पड़ती है। इन मशीनों के माध्यम से रेल उपभोक्ताओं को टोकन नम्बर मिलता है जिससे उन्हें आरक्षण दफ्तर में अपने काम के लिये लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ता।

कर्मचारी बार-बार बोलते हैं कि अपने हाथ का पंजा लगायें...

बता दें कि जगमोहन वर्मा पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल की क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा, "बायोमेट्रिक मशीनों पर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ के पंजे की आकृति बनी है। इसके अलावा रेलवे आरक्षण कार्यालय के कर्मचारी लोगों को बार-बार बोलते रहते हैं कि वे टोकन नम्बर लेने के लिये इन मशीनों पर अपने हाथ का पंजा लगायें। इन मशीनों के जरिए रेलवे के सरकारी कार्यालय में कांग्रेस का अनुचित प्रचार हो रहा है।"

बायोमेट्रिक मशीनें हटवा दी जायें

दोनों बीजेपी नेताओं ने चुनाव अधिकारियों को आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत करते हुए मांग की है कि इंदौर क्षेत्र में 19 मई को मतदान समाप्त होने तक रेलवे आरक्षण कार्यालय से हाथ के पंजे वाली बायोमेट्रिक मशीनें हटवा दी जायें।

एक और दिलचस्प शिकायत

इंदौर क्षेत्र में ही कांग्रेस ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की एक और गजब शिकायत के साथ भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जहां शाकाहारियों की ज्यादातर आबादी रहती है। प्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव राकेश सिंह यादव ने इस शिकायत में क्षेत्र के बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी पर आरोप लगाया है कि वह शाकाहारी वोटरों को लुभाने के लिये अपने परिवार की भोजन संबंधी आदतों के बारे में झूठ बोल रहे हैं। यादव का आरोप है, "मांसाहार के विरुद्ध प्रचार करने वाले एक धार्मिक संस्थान की सहायता से लालवानी मतदाताओं के सामने इस बात का झूठा प्रचार कर रहे हैं कि उनका परिवार शाकाहारी है।"

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