Advertisement

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, शुक्रवार शाम पांच बजे तक हो कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट शुक्रवार शाम पांच बजे तक होगा। भाजपा नेताओं की याचिका पर...
सुप्रीम कोर्ट का फैसला, शुक्रवार शाम पांच बजे तक हो कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट शुक्रवार शाम पांच बजे तक होगा। भाजपा नेताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि 20 मार्च को विधानसभा सत्र हो और उसी दिन फ्लोर टेस्ट कराया जाए। इसकी वीडियोग्राफी भी हो। सारी प्रक्रिया शाम पांच बजे तक पूरी कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बागी विधायक विधानसभा में आना चाहते हैं, तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएंगे।

बता दें कि 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और एक दिन बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए। सिंधिया खेमे के 22 विधायकों ने भी पद छोड़ने का ऐलान किया, जिसमें छह मंत्री भी शामिल थे। इसके बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार संकट में आ गई। ये सभी नेता अभी बेंगलुरु में मौजूद हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी के नेताओं के दबाव में इन विधायकों को रिसॉर्ट में रखा गया है, इन्हें मुक्त किया जाए और फिर फ्लोर टेस्ट हो।

स्पीकर ने ठुकराया प्रस्ताव

भाजपा नेताओं की फ्लोर टेस्ट कराने की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने सुझाव दिया कि स्पीकर एन.पी. प्रजापति को बागी कांग्रेस विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करनी चाहिए। ये विधायक किसी के कब्जे में नहीं हैं, यह देखने के लिए कोर्ट स्वतंत्र ऑब्जर्वर भी नियुक्त कर सकता है। लेकिन स्पीकर की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट का यह प्रस्ताव नहीं माना। सिंघवी ने कहा कि अगर कोर्ट ने स्पीकर को समयबद्ध निर्देश दिया तो यह संवैधानिक संकट होगा। राज्यपाल लालजी टंडन के वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ तो किनारे बैठे हैं, और स्पीकर इस राजनीतिक लड़ाई को कोर्ट में लड़ रहे हैं।

'राज्यपाल के पास है स्पीकर को आदेश देने का अधिकार'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सदन चालू न हो और सरकार अल्पमत में आ गई हो, तो राज्यपाल को स्पीकर को आदेश देने का अधिकार है। हालांकि स्पीकर के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार बहुमत में है या नहीं, यह तय करने का अधिकार राज्यपाल के पास नहीं है। यह सिर्फ सदन तय कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पास सिर्फ तीन अधिकार हैं- सदन की बैठक आहूत करने, सत्रावसान करने और सदन को भंग करने का।

'स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल की कोशिश'

सिंघवी ने कहा कि स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल की कोशिश की जा रही है। बार-बार फ्लोर टेस्ट का मंत्र जपा जा रहा है। दलबदल कानून से बचने के लिए नया तरीका अपनाया गया है। 16 विधायकों के बाहर रहने से सरकार गिर जाएगी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर लंबी बहस चली, लेकिन फैसला नहीं हो पाया था।

भाजपा पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेंगलुरू में मौजूद 16 विधायकों को लेकर कहा, ‘मैं सुबह से कर्नाटक के मुख्यमंत्री समेत देश के गृह मंत्री को फोन लगा रहा हूं लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यहां तक कि मेरे फोन का जवाब तक नहीं आया। हम तो आज भी चाहते हैं कि फ्लोर टेस्ट हो, लेकिन नियम प्रक्रिया व संविधान के अनुसार हो।’ मीडिया से चर्चा में नाथ ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा है कि अगर उसे लगता है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है तो वह विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad