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छत्तीसगढ़ में 9 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ, 6 नए चेहरों को जगह

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट में नौ मंत्रियों ने मंगलवार को शपथ ली। राजभवन में...
छत्तीसगढ़ में 9 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ, 6 नए चेहरों को जगह

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट में नौ मंत्रियों ने मंगलवार को शपथ ली। राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंत्रियों को शपथ दिलाई।

बता दें कि इससे पहले 17 दिसंबर को सीएम बघेल के साथ टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू ने भी शपथ ली थी। ऐसे में अब मंत्रिमंडल में कुल 12 मंत्री हो गए हैं। राज्य में मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में अभी भी एक पद अभी खाली है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि पहली बार के विधायकों को मौका नहीं दिया गया है। नए कैबिनेट में प्रदेश के सभी क्षेत्रों, जाति और वर्गों का समावेश है। साथ ही अनुभव को भी तरजीह दी गई है। मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

इन्होंने ली मंत्री पद की शपथ

-शिव डहरिया- कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। डहरिया सतनामी समाज के नेता हैं।

-अनिला भेड़िया- दूसरी बार विधायक चुनी गई हैं। महिला हैं, आदिवासी वर्ग से आती हैं।

-जयसिंह अग्रवाल- लगातार तीन बार कोरबा विधानसभा सीट से विधायक चुनकर आए हैं।

-रुद्र गुरू- दूसरी बार विधायक बने हैं, अनुसूचित जाति में सतनामी समाज के धर्मगुरू।

-उमेश पटेल - लगातार दूसरी बार विधायक बने। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष स्व. नंद कुमार पटेल के पुत्र हैं। रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट से पूर्व आईएएस ओपी चौधरी को करारी मात दी थी।

-रविंद्र चौबे- लंबा राजनीतिक अनुभव प्राप्त है, पूर्व में वह नेता प्रतिपक्ष भी रहे। चौबे ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। सयुंक्त मध्य प्रदेश में दिग्विजय सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

-प्रेमसाय सिंह- अजित जोगी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।

-मोहम्मद अकबर- अजित जोगी की सरकार में खाद्य मंत्री रहे। चार बार विधायक रह चुके हैं।

-कवासी लखमा- बस्तर की कोंटा विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक चुने गए हैं। आदिवासी समाज से आते हैं।

कांग्रेस ने बताया संतुलित, भाजपा ने कहा- मुख्यमंत्री अपने हाथ में रिमोट रखना चाह रहे हैं

राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस ने मंत्रिमंडल विस्तार का स्वागत करते हुए इसे एक संतुलित मंत्रिमंडल बताया जिसमें सभी को स्थान दिया गया है।  समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस को अभूतपूर्व जनादेश मिला है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए मंत्रिमंडल का गठन आसान नहीं था। कई अनुभवी विधायक हैं। सभी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है। इस चुनौती का बघेल ने बखूबी सामना किया तथा संतुलित मंत्रिमंडल का गठन किया है जिसका प्रदेश में व्यापक स्वागत किया जा रहा है। त्रिवेदी ने कहा है कि इस मंत्रिमंडल में कई वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं मिली है। लेकिन कांग्रेस सभी का समुचित उपयोग करेगी और सभी का सम्मान होगा। हमें लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करना है, यह बड़ा लक्ष्य है। 

वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कहा है मंत्रिमंडल विस्तार से ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री अपने हाथ में रिमोट रखना चाह रहे हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने कहा है कि उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल में वरिष्ठ और कुशल प्रशासनिक क्षमता वाले विधायकों को स्थान दिया जाएगा क्योंकि मंत्रिमंडल के सामने कई चुनौतियां हैं। घोषणाओं को धरातल में लाना है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि सारे अधिकार मुख्यमंत्री के हाथ में रहेंगे। मंत्रिमंडल मुख्यमंत्री के रिमोट से ही चलेगा। उपासने ने कहा कि अभी से कांग्रेस में गुटबाजी और असंतोष दिखाई दे रहा है। वरिष्ठ नेता नाराज हैं तथा सभी वर्गों को उचित स्थान नहीं दिया गया है। 


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