कांग्रेस ने संगम में भगदड़ को लेकर बुधवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि कुप्रबंधन और प्रशासन का आम श्रद्धालुओं के बजाय वीआईपी आवाजाही पर विशेष ध्यान इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार है।
गांधी ने यह भी कहा कि "वीआईपी संस्कृति" पर लगाम लगाई जानी चाहिए और सरकार को प्रयागराज में महाकुंभ में आम श्रद्धालुओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए।
अधिकारियों ने बताया कि चल रहे महाकुंभ के दौरान बुधवार को संगम में भगदड़ मचने से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान के लिए लाखों तीर्थयात्री उमड़े थे।
घटना के मद्देनजर अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के लिए अपने पारंपरिक 'अमृत स्नान' को रद्द कर दिया, हालांकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम और मेला क्षेत्र के अन्य घाटों पर डुबकी लगाते रहे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महाकुंभ के दौरान तीर्थराज संगम के तट पर मची भगदड़ में कई लोगों की जान जाने और कई लोगों के घायल होने की खबर बेहद दुखद है।
उन्होंने कहा, "श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं तथा हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर हिंदी में लिखे पोस्ट में कहा, "आधे-अधूरे इंतजाम, वीआईपी मूवमेंट, आत्मप्रचार पर ज्यादा ध्यान और कुप्रबंधन इसके लिए जिम्मेदार हैं। हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था निंदनीय है।"
खड़गे ने कहा, "अभी कई महत्वपूर्ण शाही स्नान बाकी हैं, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को अब जाग जाना चाहिए और व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी अप्रिय घटनाएं न हों।"
उन्होंने कहा, "श्रद्धालुओं के आवास, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा और आवागमन आदि की व्यवस्थाओं का विस्तार किया जाना चाहिए तथा वीआईपी आवागमन पर लगाम लगाई जानी चाहिए। हमारे साधु-संत भी यही चाहते हैं।"
खड़गे ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पीड़ितों की हरसंभव मदद करने का आग्रह किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों की मौत और कई के घायल होने की खबर बेहद दुखद है।
उन्होंने कहा, "मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"
गांधी ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, "कुप्रबंधन और प्रशासन का आम श्रद्धालुओं के बजाय वीआईपी आवाजाही पर विशेष ध्यान इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार है।"
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अभी काफी समय है और कई महास्नान होने हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को आज जैसी दुखद घटना को रोकने के लिए व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। गांधी ने कहा, "वीआईपी संस्कृति पर लगाम लगाई जानी चाहिए और सरकार को आम श्रद्धालुओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए।"
उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से प्रभावित परिवारों की मदद करने का आग्रह किया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी घटना पर दुख जताया।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।"
उन्होंने अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक पोस्ट में कहा कि कुंभ क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालु लगातार गंभीर अव्यवस्था की शिकायत कर रहे थे लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया और प्रशासनिक लापरवाही बरती गई।
प्रियंका गांधी ने सरकार से घायलों को एयरलिफ्ट करने और उनके तत्काल इलाज की व्यवस्था करने की अपील की। उन्होंने कहा, "मृतकों की पहचान कर उन्हें उनके परिजनों के पास भेजा जाना चाहिए तथा श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोपरि रखते हुए तत्काल व्यवस्था की जानी चाहिए। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे धैर्य और शांति के साथ स्नान करें।"
उन्होंने कहा, "मां गंगा सभी की रक्षा करें।"
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर हिंदी में लिखे पोस्ट में कहा, "प्रयागराज में कुंभ स्नान के दौरान मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत बेहद दुखद है। वहां जिस तरह की भीड़ थी और जिस तरह के अधूरे इंतजाम किए गए थे, उससे ऐसी दुर्घटना होने का खतरा हमेशा बना रहता था।"
खेड़ा ने कहा कि अभी कई महास्नान बाकी हैं, इसलिए जरूरी है कि वहां अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे जाएं और प्रबंधन की जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ से बेहतर किसी अन्य प्रशासक को दी जाए। उन्होंने मांग की कि वीवीआईपी की आवाजाही रोकी जाए।
मेले के लिए विशेष कार्य अधिकारी आकांक्षा राणा ने कहा, "संगम स्थल पर अवरोधक टूटने के बाद कुछ लोग घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमें अभी तक घायलों की सही संख्या नहीं पता है।"
मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है और इसमें लगभग 10 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। इस वर्ष, 144 वर्षों के बाद 'त्रिवेणी योग' नामक एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जो इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा देता है।
लगभग 2 बजे, संगम की ओर दौड़ती एम्बुलेंसों और पुलिस वाहनों के तेज सायरन की आवाज, कुंभ मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकरों से गूंजते मंत्रों और श्लोकों के निरंतर उच्चारण के बीच गूंज रही थी। घायलों को मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल में ले जाया गया। कई घायलों के रिश्तेदार भी वहां पहुंचे, साथ ही कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंचे।
त्रिवेणी संगम - गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम - हिंदुओं द्वारा सबसे पवित्र माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान और विशेषकर मौनी अमावस्या जैसी विशेष स्नान तिथियों पर इसमें डुबकी लगाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष मिलता है।