कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने महाराष्ट्र में रातों रात देवेंद्र फडणवीस द्वारा शपथ लेने के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में आधी रात के सियासी ड्रामे के लिए राज्यपाल, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सभी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन खत्म करने के लिए सुबह चार बजे राष्ट्रपति को जगाकर राष्ट्रपति कार्यालय का अतिक्रमण किया गया।
आईएनएक्स मामले में बुधवार को कोर्ट में सुनवाई के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही निराशाजनक बात है कि इसमें राष्ट्रपति भी साथ थे। आदेश हासिल करने के लिए उन्हें सुबह चार बजे उठाना बहुत ही ज्यादा दुख की बात है।
'संविधान का हुआ उल्लंघन'
इस मामले पर चिदंबरम की ओर से उनके परिवार ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, 'संविधान दिवस 2019 की यादों में क्या रहेगा? 23 से 26 नवंबर के बीच महाराष्ट्र में संविधान का सबसे बड़ा उल्लंघन हुआ।' चिदंबरम ने कहा, 'राष्ट्रपति शासन को हटाने के लिए सुबह 4.00 बजे राष्ट्रपति को जगाना, राष्ट्रपति भवन के कार्यालय पर हमला है। क्या वो लोग सुबह 9 बजे तक इंतजार नहीं कर सकते थे?'
दलगत राजनीति से उठकर दी सलाह
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को बधाई भी दी। साथ ही उन्हें दलगत राजनीति से उठकर मिलकर काम करने की सलाह दी।
चिदंबरम ने झारखंड चुनावों को लेकर भी ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि 30 नवंबर को जब मतदान होगा, तब झारखंड के लोगों को पूरे देश का गुस्सा दिखाना चाहिए।
देना पड़ा इस्तीफा
राज्यपाल ने शनिवार 23 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी जिसके बाद शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की। शीर्ष अदालत ने उनके पक्ष में आदेश दिया, जिसके बाद फडणवीस और पवार दोनों ने इस्तीफा दे दिया।