अगर एनसीपी और कांग्रेस महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देती है तो शिवसेना न्यूनता साझा कार्यक्रम तैयार कर सकती है जिसके लिए तीनों दलों के बीच सहमति होगी। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी हलचल के बीच शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। करीब 45 मिनट की बैठक में दोनों नेताओं ने कृषि मुद्दे सहित 'सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम' पर भी चर्चा की।
राज्यपाल ने शिवसेना को संख्या बल बताने के लिए शाम 7:30 बजे तक का वक्त दिया है, जिसके चलते मुंबई के एक होटल में एनसीपी प्रमुख और शिवसेना अध्यक्ष ने यह मुलाकात की। सरकार बनाने के लिए शिवसेना अध्यक्ष ने लिखित समर्थन देने का अनुरोध किया। इस दौरान उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य और शिवसेना नेता संजय राउत के अलावा एनसीपी नेता अजीत पवार और सुनील तटकरे भी मौजूद थे।
कांग्रेस नेताओं को दिल्ली बुलाया
एनसीपी ने अभी शिवसेना के समर्थन के फैसले की घोषणा नहीं की है। एनसीपी ने कहा है कि कांग्रेस के बगैर कोई फैसला नहीं लेंगे। वहीं, समर्थन देने के मुद्दे पर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक कोई फैसला नहीं हो पाया। अब कांग्रेस ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं को चर्चा के लिए शाम 4 बजे दिल्ली बुलाया है।
एनसीपी ने रखी थी ये शर्त
भाजपा ने रविवार को सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से शिवसेना को सरकार बनाने के लिए न्योता मिला। एनसीपी और कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने के लिए उसके एनडीए से अलग होने की शर्त रखी है। इसके बाद मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।
288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के पास 56 विधायक हैं, जबकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को सदन पटल पर 145 विधायकों का समर्थन साबित करना होगा।