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मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पहली बार दौरे पर जाएंगी ममता बनर्जी, भाजपा बोली– 'सबूत मिटने के बाद पहुंच रही हैं मुख्यमंत्री'

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी। यह दौरा वक्फ...
मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पहली बार दौरे पर जाएंगी ममता बनर्जी, भाजपा बोली– 'सबूत मिटने के बाद पहुंच रही हैं मुख्यमंत्री'

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी। यह दौरा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में बीते महीने हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद पहली बार हो रहा है। इस हिंसा में दो लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। सैकड़ों परिवारों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा था।

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री 5 मई को सुती विधानसभा क्षेत्र के चापघाटी मैदान में एक प्रशासनिक बैठक करेंगी। अगले दिन, 6 मई को वह शमशेरगंज जाकर हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी।

राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा, "मुख्यमंत्री पहले हालात सामान्य न होने के कारण वहां नहीं जा सकीं। अब स्थिति शांतिपूर्ण है। मुख्यमंत्री वहां जाकर लोगों से संवाद करेंगी और सौहार्द्र का संदेश देंगी।"

हालांकि, मुख्यमंत्री के दौरे से पहले भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला है। भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा, "मुख्यमंत्री को पहले ही मुर्शिदाबाद जाना चाहिए था। लेकिन उन्होंने इमामों की बैठक की, मंदिर उद्घाटन में गईं, पर जब हिंदू समुदाय पर हमला हुआ, उनके घर जलाए गए, तब उन्होंने चुप्पी साध ली। अब जब सारे सबूत मिटा दिए गए हैं, तब वह वहां जा रही हैं।"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार के अधिकारी हिंसा के तीन-चार दिन बाद ही मंदिरों और घरों की मरम्मत में जुट गए, ताकि यह न दिखे कि वहां कुछ हुआ था। घोष ने कहा, "ममता बनर्जी ने इस हिंसा को पहले ही खारिज कर दिया था। अब जब हालात को सामान्य दिखाया जा रहा है, तब वह दौरे पर जा रही हैं।"

भाजपा सांसद तरुण चुघ ने भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल बर्बाद और बदनाम हो चुका है। वहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। राज्य सरकार ने दंगाइयों को संरक्षण दिया और मामले में चुप्पी साधे रखी।"

तरुण चुघ ने ममता सरकार पर ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे राज्य में अपराधियों को खुली छूट मिल गई है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मुर्शिदाबाद और मालदा में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता जताई है। आयोग के अनुसार, इन घटनाओं में महिलाओं और किशोरियों के साथ अवर्णनीय यौन हिंसा, शारीरिक हमले और बलात्कार की धमकियों जैसी गंभीर घटनाएं सामने आई हैं।

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