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कोंग्रेस ने की मणिपुर में "राष्ट्रपति शासन" की मांग, हिंसा को बताया "पूर्व नियोजित"

मणिपुर में हुई हिंसा ने एक तरीके से पूरे देश को परेशान किया। मणिपुर में विभिन्न राज्यों के लोगों के...
कोंग्रेस ने की मणिपुर में

मणिपुर में हुई हिंसा ने एक तरीके से पूरे देश को परेशान किया। मणिपुर में विभिन्न राज्यों के लोगों के फंसे होने से चिंता अत्यधिक थी। लेकिन इस हिंसा को कांग्रेस ने अब एक "पूर्व नियोजित" कहा है। गुरुवार को कांग्रेस ने हिंसा को पूर्व नियोजित कहते हुए आरोप लगाया कि राज्य में शांति और चैन बनाए रखने के लिए यहां तत्काल रूप से राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता और मणिपुर के पार्टी प्रभारी भक्त चरण दास ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 20 लाख रुपए और जिनके घर नष्ट हो गए, उनके लिए 5 लाख रुपए के मुआवजे की भी मांग की। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसा में घायल हुए तमाम लोगों को तत्काल उपचार मिलना चाहिए और लोगों को अपने घरों और आस-पड़ोस में लौटने के लिए सुरक्षित स्थान बनाने की जरूरत है।

प्रेस वार्ता में दास ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार मणिपुर में स्थित नियंत्रित करने के मामले में पूरी तरह विफल हो गई है। सरकार ना तो हिंसा रोकने में सक्षम है और ना ही हथियारों को बरामद किया जा रहा है। मासूम लोगों के राहत बचाव का कार्य और राहत शिविरों में खराब व्यवस्थाएं, इस विफलता की निशानी हैं।"

दास ने केंद्र और राज्य सरकार पर संविधान के अनुसार काम नहीं करने का आरोप लगाया और कहा,"ऐसी स्थिति में, हम मांग करते हैं कि इन घटनाओं (हिंसा की) को रोकने के लिए राष्ट्रपति शासन तुरंत लगाया जाना चाहिए। यदि यहां राष्ट्रपति शासन होगा तो जवाबदेही ज्यादा होगी।" उन्होंने कहा कि यहां कानून एवं व्यवस्था के आधार पर कार्य होते तो यह स्थिति पैदा ना होती।

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, "ऐसा लगता है कि मणिपुर में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी क्योंकि केंद्र सरकार से कोई भी स्थिति की निगरानी नहीं कर रहा है।" दास ने कहा, गृह मंत्री (अमित शाह) ने अभी तक मणिपुर का दौरा नहीं किया है और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने शांति की अपील करते हुए कोई ट्वीट भी नहीं किया है।"

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