यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह मोदी से हजार गुणा बेहतर थे। उन्होंने 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी से देश को बचा लिया था।'
केजरीवाल ने कहा, 'मनमोहन सिंह एक शिक्षित व्यक्ति हैं और ख्यातिप्राप्त अर्थशास्त्री हैं। वे देश की अर्थव्यवस्था के बारे में अच्छी तरह समझते हैं।' उन्होंने कहा, 'वास्तव में 2008 के आखिर में वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भारत ही अकेला देश था जो इससे प्रभावित नहीं था क्योंकि मनमोहन सिंह ने देश को बचाने के लिए कई कदम उठाए।'
'वोट पाने के लिए कर रहे हैं सेना का इस्तेमाल'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मोदी जी का राष्ट्रवाद नकली है और यह देश के लिये खतरनाक है। वह वोट पाने के लिए सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि उनके पास दिखाने के लिये कोई काम नहीं है।’
उन्होंने कांग्रेस पर कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा ‘ऐसा लगता है कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि विपक्षी पार्टियों के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस काम बिगाड़ने का काम कर रही है।’
भ्रष्टाचार आंदोलन का किया था नेतृत्व
अन्ना हजारे के साथ केजरीवाल ने 2011 और 2013 के बीच यूपीए-दो के खिलाफ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया था। उस समय देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। 2012 के आखिर में केजरीवाल और आंदोलन के कई अन्य नेताओं ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी के गठन की घोषणा की, जबकि अन्ना हजारे ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया था। आंदोलन के चलते यूपीए को खासा नुकसान हुआ और मोदी सत्ता पाने में कामयाब हो गए। केजरीवाल ने कहा कि अगर लोकपाल की मांग पूरी हो जाती तो आम आदमी पार्टी भी नहीं होती।