मनोहर पर्रिकर की ताजपोशी से पहले खतरे के जो बादल मंडरा रहे थे वो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से साफ हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक से इनकार करते हुए 16 तारीख को फ्लोर टेस्ट का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को दो बार शपथ लेनी पड़ी। पहली बार में मनोहर पर्रिकर ने शपथ में मंत्री शब्द कहा इसके बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी जगह से उठकर गए और ये बात बतायी। इसके बाद पर्रिकर ने दोबारा सीएम पद की शपथ ली।
कांग्रेस ने गोवा में बन रही बीजेपी सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में 16 मार्च को बहुमत परिक्षण कराने का आदेश दिया है। लेकिन कोर्ट ने मनोहर पर्रिकर के शपथ ग्रहण पर कोई रोक नहीं लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कांग्रेस का पक्ष रखा. सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पहले राज्य में बहुमत परीक्षण कराया जाए और उसके बाद मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार को 16 मार्च को विधानसभा सत्र के पहले दिन बहुमत साबित करना होगा।
मुख्यमंत्री पर्रिकर के अलावा भाजपा के कोटे से दो मंत्री बने हैं, जबकि सहयोगी दलों जीएफपी को तीन, एमजीपी को दो और निर्दलीय विधायकों को दो मंत्री पद दिए गए।पर्रिकर ने गोवा में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है।