मायावती ने इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा और सपा दोनों मिली हुई है और अब सूबे में बसपा की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।
दलित और मुस्लिम बहुल इलाके आगरा से अपनी चुनावी रैली का आगाज कर मायावती ने ये साफ संकेत दिया कि उनकी रणनीति दलित-मुस्लिम को साथ लाने की है। हालांकि, इस दौरान मायावती की नजर सवर्ण वोटों पर भी रही।
मायावती ने कांग्रेस पार्टी की सीएम चेहरा और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित पर जोरदार हमले किए। उन्होंने शीला को दिल्ली को गन्दा करने वाली, दलित विरोधी के साथ-साथ बूढ़ी तक कह डाला।
बसपा सुप्रीमो ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने 6 साल तक राज किया और इस दौरान आरएसएस के सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ाने का काम किया।
मायावती ने कहा, अच्छे दिन बुरे दिनों में तब्दील हो गए हैं। मोदी ने लोकसभा के दौरान गरीबों को सस्ता राशन, बिजली, पानी, सरकारी मकान देने की बात कही थी। दो सालों में मजदूरों की मजदूरी कितनी बढ़ाई? किसानों की आए बढ़ी? किसानों की जमीन भूमि अधिग्रहण कानून के जरिये लेना चाहते थे, हमने विफल किया।
मोदी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि कालाधन 100 दिन में लाने को कहा था, 20 लाख रुपये देने का वादा किया था। किसी को 1 रूपया भी नहीं मिला।