मायावती ने एक चुनावी जनसभा में कहा, दोनों ही सरकारों की गलत नीतियों और कार्यकलापों के कारण प्रदेश की 22 करोड़ जनता नाराज और आक्रोशित है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मिलकर उत्तर प्रदेश को बर्बाद करने के सपने देख रहे हैं।
मायावती यहां भी मुसलमानों को बसपा के पक्ष में वोट देने के फायदे बताने से नहीं चूकीं। उन्होंने कहा, मुस्लिम समाज को भी एकतरफा वोट बसपा को देना है जिसका :बसपा: अपना दलित बेस वोट पूरी तरह एकजुट है और भाजपा को हराने के लिए सक्रिय और तत्पर है। इस वोट में विशेषकर मुस्लिम समाज का वोट जुड़ जाने से भाजपा को इसका जबर्दस्त नुकसान पहुंचेगा और भाजपा प्रदेश की सत्ता पर किसी भी की मत पर काबिज नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा अपने किसी भी चेहरे को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की अभी तक हिम्मत नहीं जुटा पायी है। सपा के मुख्यमंत्री पद का चेहरा अपनी सरकार में शुरू से ही कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के मामले में जबर्दस्त दागी चेहरा रहा है।
मायावती ने कहा कि जिस सपा को अराजक, आपराधिक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी और जंगलराज आदि का खास प्रतीक माना जाता है, उसके साथ कांग्रेस भी गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। ऐसी स्थिति में अब यहां प्रदेश की आम जनता को तय करना है कि क्या वह सपा कांग्रेस गठबंधन के दागी चेहरे को वोट देंगे या इसके स्थान पर इन सभी तत्वों का सफाया कर हर स्तर पर कानून का राज करने वाली बसपा के बेदागी चेहरे को अपना वोट देंगे।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार में हत्या, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार और उत्पीडन, गुंडाराज, जमीन पर कब्जे, सांप्रदायिकता, दंगे, तनाव आदि की घटनाएं चरम पर हैं। इस सरकार के चलते प्रदेश में घोर असुरक्षा और आतंक का माहौल हावी है। विकास के कार्य भी आधे अधूरे किये जाते रहे हैं।
मायावती ने कहा कि सपा सरकार ने प्रदेश की जनता का सरकारी करोड़ों अरबों रूपया अकेले मीडिया में बेदर्दी से खर्च कर दिया है जबकि इसी धन को गरीबों के हित व कल्याण के कार्यों पर भी खर्च किया जा सकता था। विकास और जनहित के जो भी थोडे कार्य हुए उनमें से अधिकांश बड़े बड़े कार्यों की शुरूआत बसपा सरकार में ही कर दी गयी थी। नाम बदलकर चला रहे हैं हमारी योजनाएं। समाजवादी पेंशन योजना का पहले का मूल नाम महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना था।
उन्होंने मुस्लिम वोटरों से अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज के लोग अपना वोट सपा उम्मीदवारों को देते हैं तो वह वोट पूरी तरह बेकार हो जाएगा और उसका सीधा फायदा भाजपा को ही पहुंच सकता है। बसपा का दलित वोट बेस पूरी तरह एकजुट और भाजपा को हराने के लिए तत्पर एवं सक्रिय है। इससे मुस्लिम जुड़ गया तो भाजपा को इसका जबर्दस्त नुकसान पहुंचेगा। भाषा