अभी हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हुईं अनुप्रिया पटेल ने मायावती पर भाजपा नेता के आपत्तिजनक टिप्पणी से पैदा हुए विवाद में भाजपा की तरफ से मोर्चा संभाल लिया है। शनिवार को उन्होंने कहा, इससे कोई इनकार नहीं कि दयाशंकर सिंह द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द बेशक निंदनीय थे। भाजपा ने इसे स्वीकार किया और सिंह को भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटाने के साथ ही उन्हें पार्टी से छह वर्ष की अवधि के लिए निष्कासित कर दिया। अपना दल सांसद ने कहा, लेकिन बसपा प्रमुख और उनके समर्थक जिस तरह से प्रतिक्रिया जता रहे हैं वह उससे भी अधिक आपत्तिजनक है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया ने कहा, सिंह ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वह एक महिला की गरिमा को कमतर करते हैं और इसी कारण से उन्हें पार्टी की ओर से कार्रवाई का सामना करना पड़ा। उन पर पुरूष प्रधान मानसिकता होने का आरोप लगाया गया, जिसमें महिलाओं की गरिमा का कोई मूल्य नहीं, विशेष तौर पर निचली जाति की।
अनुप्रिया ने कहा, लेकिन यह भयावह है कि मायावती अपने समर्थकों के अनैतिक अभियान का अनुमोदन कर रही हैं जो भाजपा के निष्कासित नेता के परिवार की महिला सदस्यों के बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत ही घिनौने तरीके से अपशब्द कह रहे हैं। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि मायावती मामले को मात्र जातिगत मुद्दा बनाने पर तुली हुई हैं और वह भाजपा के निष्कासित नेता की पत्नी और पुत्री का अकारण अपमान होने दे रही हैं। दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी की एक शिकायत पर पुलिस ने कल मायावती और उनकी पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। तेतरा देवी ने आरोप लगाया था कि मायावती ने परिवार की महिला सदस्यों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और बसपा नेताओं ने गत गुरूवार को लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के दौरान आपत्तिजनक नारे लगाए। उक्त रैली में सिंह की 12 वर्षीय पुत्री को भी इस मामले में घसीटा गया।