कांग्रेस ने एक बार फिर महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा उठाया है। महिला कांग्रेस की अध्यक्षा और सांसद सुष्मिता देव ने संसद और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण का विधेयक लाने की मांग को लेकर 32 लाख लोगों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा है तथा आगामी सत्र में यह विधेयक लोकसभा से पारित कराए जाने की मांग की है।
एक प्रेस कांफ्रेस में सुष्मिता देव ने कहा कि भाजपा ने आधी आबादी को आरक्षण वाला विधेयक जानबूझकर रोक रखा है। तीन दिन पहले सोनिया गांधी ने भी नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह विधेयक पारित कराने की मांग की है। सोनिया गांधी ने साफ तौर पर कहा है कि लकसभा में बहुमत होने का लाभ उठाकर भाजपा को विधेयक पारित कराना चाहिए। यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक अहम कदम होगा।
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि आखिर मोदी सरकार इस बड़े सामाजिक सुधार की दिशा में कदम क्यों नहीं उठाना चाहती। 41 वरिष्ठ महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा है। मेरा हक-बेटी सदन में लाओ नारे के साथ विधेयक के पक्ष में 3206257 लोगों ने हस्ताक्षर भी किए हैं। मालूम हो कि 2010 में राज्यसभा से महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद से लोकसभा में पेश नहीं हो सका है जिससे यह विधेयक लटका हुआ है। सोनिया गांधी की चिट्ठी के बाद माना जा रहा है कि मोदी सरकार इसी शीतकालीन सत्र में विधेयक लोकसभा में ला सकती है।