प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर आज लगातार दूसरे दिन अपने विरोधियों पर तीखा हमला बोला। गंगा नदी के ऊपर रेल लाइन और पुल के निर्माण कार्य की नींव रखने गाजीपुर पहुंचे मोदी ने कहा कि आपातकाल लगा कर देश को जेलखाना बना देने वाली कांग्रेस, आज नोटबंदी पर राजनीति कर रही है। पीएम ने कहा कि उनके फैसले गरीबों को पसंद आने वाली कड़क चाय की तरह होते हैं। गाजीपुर के आरटीआई मैदान में जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए मोदी ने माना कि 500 और हजार रुपये के नोट बंद किए जाने से आम लोगों को तकलीफ हो रही है, जिसकी उन्हें भी बहुत पीड़ा है और वह उसे दूर करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं, लेकिन देश से आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद की जड़ काटने और बेईमानी से जमा किये गए धन को खत्म करने के लिए यह कड़क कदम उठाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर देश की जनता को गुमराह करने वाले नेताओं खासकर कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि क्या उसने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए आपातकाल लगाकर देश को जेलखाना बनाया था? देश को याद है कि इलाहाबाद की अदालत ने इंदिरा गांधी को सांसद पद से हटा दिया था। कांग्रेस ने सिर्फ उनकी गद्दी बचाने के लिए देश को जेलखाना बना दिया था। मोदजी ने कहा कि मैंने तो गरीबों की खुशी के लिए थोड़े दिन तकलीफ झेलने की प्रार्थना की है। मुझे एक बार फिर आशीर्वाद दीजिए।
मोदी ने कहा कि सीमापार से हमारे दुश्मन नकली नोट छापकर हमारे देश में भेज रहे हैं। मैं उन नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ने के लिए यह जाली नोटों का खात्मा होना चाहिए कि नहीं? मुझे बताइये कि 500 और 1000 के नोट पर अगर मैं हमला न बोलता तो क्या जाली नोट खत्म हो सकते थे? जब से इन नोटों पर हमला बोला है तब से यह नेता परेशान हैं। प्रधानमंत्री ने अपने चाय बनाने का जिक्र करते हुए कहा, मेरे बचपन में लोग कहते थे कि मोदी जी जरा चाय कड़क बनाना। मुझे तो बचपन से आदत है। मैंने कड़क निर्णय लिया। गरीब को कड़क चाय भाती है लेकिन अमीर का मुंह बिगड़ जाता है। कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि ये कांग्रेस वाले आज मुझे समझा रहे हैं कि किस कानून के जरिये आपने हजार और 500 के नोट बंद कर दिए। मैं पूछता हूं कि आपकी सरकार ने चवन्नी क्यों बंद की थी। यह ठीक है कि आप चवन्नी से आगे चल नहीं पाते। आपने अपनी बराबरी का काम किया और हमने अपनी बराबरी का काम किया है। मोदी ने कहा कि शहरों में लोग रात में नजर बचाकर कचरे के डिब्बे में नोट फेंककर जा रहे हैं। गंगा में अब हजार और 500 के नोट बह रहे हैं, मगर पापियों के पाप गंगा में नोट बहाकर भी नहीं धुलने वाले। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि वह जानते हैं कि इस कदम के बाद उन पर क्या बीतेगी। मोदी ने एक बार फिर जनता से 50 दिन मांगे और कहा कि 30 दिसंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।