कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर निजीकरण को ''अंधाधुंध'' लागू करके दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों से ''गुपचुप तरीके से'' आरक्षण छीनने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को मजबूत करने और रोजगार के दरवाजे खोलने की गारंटी देती है।
एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में गांधी ने कहा कि आरक्षण हटाने के लिए नरेंद्र मोदी के अभियान का मंत्र है - 'ना रहेगा बांस, ना बजेगी बांसुरी', यानी न तो सरकारी नौकरियां मिलेंगी और न ही कोई आरक्षण मिलेगा।
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "भाजपा सरकार 'अंध निजीकरण' के माध्यम से सरकारी नौकरियों को खत्म करके दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों से गुप्त रूप से आरक्षण छीन रही है।"
उन्होंने कहा, 2013 में सार्वजनिक क्षेत्र में 14 लाख स्थायी पद थे, जो 2023 तक 8.4 लाख हो गए।
गांधी ने कहा, "बीएसएनएल, सेल, बीएचईएल आदि जैसे शीर्ष सार्वजनिक उपक्रमों को बर्बाद करके, अकेले सार्वजनिक क्षेत्र से लगभग 6 लाख स्थायी नौकरियां खत्म कर दी गईं, ये वही पद हैं जिन पर आरक्षण का लाभ दिया जा सकता था।"
उन्होंने दावा किया कि रेलवे जैसे संस्थानों में सरकारी काम ठेके पर देकर पिछले दरवाजे से खत्म की जा रही नौकरियों की कोई गिनती नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, "मोदी मॉडल का 'निजीकरण' देश के संसाधनों की लूट है, जिसके जरिए वंचितों का आरक्षण छीना जा रहा है।"
गांधी ने कहा, कांग्रेस गारंटी देती है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को मजबूत करेगी और 30 लाख खाली सरकारी पदों को भरकर समाज के हर वर्ग के लिए रोजगार के दरवाजे खोलेगी।