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मोदी सरकार महाराष्ट्र के प्रति ‘असंवेदनशीलता और शत्रुता’ दिखा रही: कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने रविवार को मोदी सरकार पर महाराष्ट्र के प्रति "असंवेदनशीलता और शत्रुतापूर्ण रवैया" दिखाने...
मोदी सरकार महाराष्ट्र के प्रति ‘असंवेदनशीलता और शत्रुता’ दिखा रही: कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने रविवार को मोदी सरकार पर महाराष्ट्र के प्रति "असंवेदनशीलता और शत्रुतापूर्ण रवैया" दिखाने का आरोप लगाया और कहा कि पिछले दस वर्षों में राज्य से ‘‘लगातार कई प्रमुख परियोजनाओं और निवेशों को अन्य जगह स्थानांतरित किया गया है।’’

विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से यह हमला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शनिवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में दिए गए उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका लक्ष्य महाराष्ट्र को दुनिया की बड़ी वित्तीय महाशक्ति बनाना और मुंबई को वैश्विक ‘फिनटेक’ राजधानी बनाना है।

कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "कल शाम मुंबई में, स्वयंभू गैर-जैविक प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनका 'उद्देश्य महाराष्ट्र को दुनिया की बड़ी वित्तीय शक्ति बनाना और मुंबई को वैश्विक फिनटेक राजधानी बनाना है।' यह उनका ‘ट्रेडमार्क’ झूठ है।"

रमेश ने कहा, ‘‘मुंबई 200 वर्षों से भारत की वित्तीय राजधानी रही है, इसके बावजूद श्री मोदी ने मुंबई में एक आईएफएससी स्थापित करने से बार-बार इनकार किया है। गुजरात में केवल गिफ्ट सिटी में एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) स्थापित किया गया है। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2006 में इसे मुंबई में स्थापित करने का प्रयास शुरू किया था।’’

उन्होंने दावा किया कि आईएफएससी के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में जमीन भी निर्धारित की गई थी, लेकिन इसे बुलेट ट्रेन के लिए पुनः आवंटित कर दिया गया, जिससे मुंबई में संभावित रूप से दो लाख नौकरियां खत्म हो गईं।

रमेश ने कहा, "वास्तव में, पिछले दस वर्षों में महाराष्ट्र से कई प्रमुख परियोजनाओं और निवेशों को अन्य जगह स्थानांतरित किया है - हीरा उद्योग को सूरत में स्थानांतरित करने का प्रयास, टाटा-एयरबस विनिर्माण संयंत्र और (अब विफल) वेदांता-फॉक्सकॉन चिप कारखाना जैसी औद्योगिक परियोजनाओं का स्थानांतरण तथा कपड़ा कमिश्नरेट कार्यालय और दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड जैसी केंद्र सरकार की संस्थाओं का स्थानांतरण।"

कांग्रेस नेता ने कहा, "यह सब महाराष्ट्र के प्रति बड़ी असंवेदनशीलता और शत्रुता का हिस्सा प्रतीत होता है, जैसा कि श्री मोदी द्वारा पिछले दस वर्षों से मराठी को शास्त्रीय भारतीय घोषित करने से लगातार इनकार करने से स्पष्ट होता है।"

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