कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को एनडीए सरकार पर विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर वोट चुराने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
'वोटर अधिकार यात्रा' के तहत पूर्णिया में एक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर देश के गरीबों और युवाओं के लिए "रोजगार के सभी अवसर बंद करने" का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया, "नरेंद्र मोदी सरकार...सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण करने के बाद अब चुनाव आयोग की मदद से एसआईआर के जरिए गरीबों के वोट चुराना चाहती है।’’
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "इंडिया गठबंधन बिहार में ऐसा नहीं होने देगा। संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार देता है। यह संविधान विरोधी है। बिहार की जनता विधानसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों को करारा जवाब देगी।"
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग की पोजिशन आपको स्पष्ट दिख जानी चाहिए। मैंने कर्नाटक में उनके सामने एक डेटा रखा लेकिन उन सवालों का आज तक एक जवाब नहीं आया। 1 लाख फर्जी वोटर कहां से आए, कौन थे इसका जवाब चुनाव आयोग ने नहीं दिया। मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा था उसी दौरान चुनाव आयोग कहता है कि राहुल गांधी को एफिडेविट देना चाहिए और अगर एफिडेविट नहीं दिया तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "कुछ दिन बाद अनुराग ठाकुर वैसा ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं लेकिन चुनाव आयोग उनसे एफिडेविट नहीं मांगते हैं तो आपको पता है कि चुनाव आयोग किसके साथ खड़ा है। बिहार में SIR वोट चोरी करने का एक तरीके है विपक्ष शिकायत कर रही लेकिन बीजेपी कुछ नहीं कह रही है क्योंकि बीजेपी और चुनाव आयोग की साझेदारी है।"
तेजस्वी यादव के साथ यात्रा निकालने पर राहुल गांधी ने कहा, "हमारे बीच एक बहुत अच्छी साझेदारी बनी है, हम सभी दल एक साथ काम कर रहे हैं, कोई तनाव नहीं है, आपसी सम्मान है, वैचारिक रूप से हम एकजुट हैं, राजनीतिक रूप से हम एकजुट हैं, बहुत अच्छे परिणाम होंगे लेकिन वोट चोरी को रोकना होगा।"
1,300 किलोमीटर लंबी 'मतदाता अधिकार यात्रा' 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी। यह 16 दिनों की अवधि में 20 से ज़्यादा ज़िलों से होकर गुज़रेगी और 1 सितंबर को पटना में एक रैली के साथ समाप्त होगी।