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मोदी के मंत्री भाजपा सांसदों को ही नहीं दे रहे तवज्‍जो, जनता की क्‍या सुनेंगे?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री अपनी पार्टी के सांसदों की समस्‍याओं पर गंभीरता से ध्‍यान नहीं दे रहे हैं। भाजपा नेताओं को इस तरह नजरअंदाज किए जाने के बाद आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आम जनता को अपनी समस्‍याओं के निवारण के लिए कितनी जेहमत करनी पड़ती होगी। मंत्रियों की ऐसी मनमानी की शिकायत पीएम मोदी के पास पहुंची तो उन्‍होंने तुरंत मंत्रियों को नसीहत दी है कि वो पार्टी सांसदों से बाकायदा डिनर पर मिले और उनकी समस्याओं का निपटारा करें।
मोदी के मंत्री भाजपा सांसदों को ही नहीं दे रहे तवज्‍जो, जनता की क्‍या सुनेंगे?

मीडिया के अनुसार सत्‍ता में होने के बावजूद आज भाजपा कार्यकर्ता, सांसद अपने मंत्रियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए तैयार बैठे हैं। इस पर नियंत्रण के लिए भाजपा ने एक विशेष रणनीति बनाई। इसके तहत पार्टी सांसदों को 60-60 के ग्रुप में बांटा गया और डिनर पर पहली मुलाकात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और दूसरी गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ रखी गई। पहली मुलाकात में स्‍वयं पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद थे।

सूत्रों की माने तो बैठक में कई सांसदों ने मोदी से शिकायत की कि मंत्री से मिलने के लिए पार्टी सांसदों को कई दिन चक्कर काटने पड़ते हैं काम करवाना तो दूर की बात है।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई डिनर मीटिंग में पार्टी सांसद प्रवेश वर्मा ने अमित शाह के सामने ये तक कह डाला कि जानबूझकर एक केंद्रीय मंत्री उनके संसदीय क्षेत्र के प्रोजेक्ट्स को रोकने में लगे हैं। जिनसे जनता का नुकसान तो हो ही रहा है पार्टी की प्रतिष्‍ठा पर भी ठेस लग रही है। प्रवेश वर्मा की बात का समर्थन कई और सांसदों ने भी किया।

अध्‍यक्ष अमित शाह ने उनसे कहा कि वो बतौर सांसद अपनी शक्ति को पहचाने। अपने क्षेत्र का जिम्मा पूरी तरह अपने हाथ में ले और केंद्र की नीतियों को पहुचायें। मंत्रियाें सेे खुलकर बात करें। 

आने वाले दिनों में सांसदों की शिकायतों को सुलझाने के लिए मनोहर पर्रिकर, अरुण जेटली, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी के साथ भी ऐसे डिनर रखे जाएंगे। दरअसल आगामी चुनाव को देखते हुए आरएसएस की तरफ से भी पार्टी आलाकमान को संकेत दिए गए हैं कि मंत्रियों के व्यवहार में कार्यकर्ताओं के लिए आया बदलाव पार्टी के लिए घातक साबित हो सकता है। उल्‍लेखनीय है कि सभी मंत्रियों के साथ डिनर मीटिंग हो जाने के बाद प्रधानमंत्री खुद सांसदों से बदलाव की रिपोर्ट लेंगे।

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