पीएम मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में उज्ज्वल योजना की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने जमकर पिछली सरकारों पर निशाना साधा। अपने भाषण में मोदी ने कहा, गरीबी हटाने के लिए नारे बहुत लगाए गए, अनेक योजनाएं बनीं लेकिन वे योजनाएं गरीब के घर को नहीं बल्कि मतपेटियों को ध्यान में रखकर बनाई गईं। जब तक मतपेटियों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनेंगी, तब तक गरीबी खत्म नहीं होगी। उन्होंने कहा कि गरीबी तभी जाएगी, जब गरीब को गरीबी से लड़ाई लड़ने की ताकत मिलेगी। उनकी सरकार गरीब व्यक्ति की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए काम कर रही है। मोदी ने कहा कि हमें गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। अगर पूर्वी हिंदुस्तान पश्चिमी हिंदुस्तान की बराबरी कर ले तो भी देश में गरीबी का नामोनिशान नहीं होगा। अगर पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, पूर्वोत्तर और उड़ीसा तक विकास पहुंच जाए तो गरीबी से लड़ाई में हम सफल हो जाएंगे। पीएम मोदी ने श्रमिक दिवस पर दुनिया को लेबरर्स यूनाइट दि वर्ल्ड का नारा देते हुए कहा कि 21वीं सदी की बदली हुई परिस्थितियों में इस मंत्र के साथ दुनिया को जोड़ने की जरूरत है।
मोदी ने पूर्वांचल में व्याप्त गरीबी के बारे में जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्वकाल में गाजीपुर के एक सांसद द्वारा संसद में दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उस सांसद ने कहा था कि पूर्वांचल के लोग जानवरों के गोबर को धोकर उससे निकलने वाले अन्न के दानों पर गुजारा कर रहे हैं। करीब 50 साल पहले उस झकझोरने वाली घटना के बाद पटेल आयोग का गठन किया गया था। उसकी सिफारिशों पर क्या हुआ, वह तो भगवान जाने। आयोग ने ताड़ीघाट, गाजीपुर और मउ को रेल से जोड़ने की जो सिफारिश की थी उसे अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व में दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ का नारा दिया जाता था जिसमें राजनीति की स्वाभाविक बू थी। जो लोग इस विचार को लेकर चले थे वे आज धीरे-धीरे दुनिया के राजनीतिक नक्शे से अपनी जगह खोते चले जा रहे हैं। मोदी ने कहा, 21वीं सदी में दुनिया के मजदूरों की एकजुटता के आह्वान मात्र से काम चलने वाला नहीं है। इस सदी की आवश्यकताएं और स्थितियां अलग हैं। लेबरर्स यूनाइट द वर्ल्ड इस सदी का मंत्र हो सकता है। इस मंत्र के साथ आज दुनिया को जोड़ने की जरूरत है।
उन्होंने बलिया से उज्ज्वल योजना की शुरुआत के पीछे किसी तरह के राजनीतिक मकसद से इनकार करते हुए कहा कि वह इस योजना के जरिये प्रदेश में चुनावी बिगुल बजाने नहीं आए हैं। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वल योजना से 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती तक पांच करोड़ गरीब परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंच जाएंगे। पीएम ने कहा कि लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाने पर गृहणी के शरीर में 400 सिगरेट का धुआं चला जाता है। घर में रहने वाले बच्चों को भी धुएं में गुजारा करना पड़ता है। इसका अनुभव वह खुद भी कर चुके हैं। गरीबों को उस कष्टदायक जिंदगी से मुक्ति दिलाने के लिए ही उज्ज्वल योजना शुरू की गई है। पीएम ने कहा कि उज्ज्वल योजना के तहत जो गैस सब्सिडी दी जाएगी, वह लाभार्थी महिलाओं के प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाते में जमा होगी। यह योजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बहुत बड़ा कदम है। इस पर सरकार को हजारों करोड़ रुपये का खर्च उठाना होगा। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार श्रम कानूनों में अनेक बदलाव लाई है। इसके तहत कभी मात्र 15, 50 या 100 रुपये मासिक पेंशन पाने वाले श्रमिकों को उनकी सरकार ने अब न्यूनतम एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन की व्यवस्था की है। इसके अलावा श्रम सुविधा पोर्टल शुरू किया, जिसके तहत आठ अहम श्रम कानूनों को मिलाकर उनका सरलीकरण किया गया। प्रधानमंत्री ने स्वेच्छा से रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने वाले करीब एक करोड़ 10 लाख लोगों के लिए स्वयं और आम जनता से ताली बजवाकर अभिनन्दन करते हुए कहा कि इस देश के लोग इतने महान हैं कि वे किसी अच्छे मकसद के लिए सरकार से भी दो कदम आगे चलने को तैयार रहते हैं।