मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर कैबिनेट से 6 मंत्रियों को हटा दिया है। ये सभी पूर्व कांग्रेस नेता और हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक बताए जा रहे है। वहीं, सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
इन मंत्रियों को हटाया गया
कमलनाथ कैबिनेट के मंत्री इमरती देवी, तुलसी सिलावत, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और प्रभुराम चौधरी को राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से मंत्रिमंडल से हटा दिया है। इन्हें हटाने की सिफारिश सीएम कमलनाथ ने की थी।
लगाया खरीद फरोख्त का आरोप
इससे पहले दिन में सीएम कमलनाथ ने सुबह 11 बजे राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। सीएम ने राज्यपाल को एक पत्र सौंपते हुए भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया। साथ ही, बेंगलुरू में मौजूद 22 बागी विधायकों की रिहाई सुनिश्चित कराने की भी मांग की। कमलनाथ ने कहा कि वह विधानसभा के आगामी सत्र में बहुमत परीक्षण कराने के लिए तैयार हैं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा से राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है।
ये विधायक दे चुके है इस्तीफा
राज्य सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया के अलावा विधायक हरदीप सिंह डंग, जसप्रीत सिंह जाजी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदोरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह, कंसराज सिंह, कश्यप सिंह बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिर्राज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरोंया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
सरकार 16 मार्च को साबित करे बहुमत
गुरुवार को मध्यप्रदेश भाजपा के व्हिप चीफ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि चूंकि मौजूदा सरकार अल्पमत में है इसलिए हमने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से फ्लोर टेस्ट कराने का अनुरोध किया है। क्योंकि 16 मार्च को राज्य का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह सरकार बहुमत खो चुकी है।
विधानसभा का ये है गणित
गौरतलब है कि 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद अब 228 से घटकर 206 विधायकों का गणित हो गया है। कांग्रेस के पास 114 से घटकर अब 92 विधायक बच गए है। जबकि भाजपा के पास 107 विधायक है। सरकार बनाने के लिए अब 104 विधायकों के साथ बहुमत साबित करना होगा।