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'खड़गे को लिखा नड्डा का पत्र झूठ से भरा', मणिपुर को लेकर भाजपा के जवाब पर बिफरी कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर उनके इस आरोप को लेकर पलटवार किया कि विपक्षी...
'खड़गे को लिखा नड्डा का पत्र झूठ से भरा', मणिपुर को लेकर भाजपा के जवाब पर बिफरी कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर उनके इस आरोप को लेकर पलटवार किया कि विपक्षी पार्टी मणिपुर के मुद्दे पर राजनीति से प्रेरित कहानी पेश कर रही है। 

कांग्रेस ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा गया उनका पत्र " इनकार, विकृति, ध्यान भटकाने और मानहानि" पर आधारित है।

नड्डा ने शुक्रवार को कांग्रेस पर मणिपुर अशांति के मुद्दे पर "गलत, झूठे और राजनीति से प्रेरित" कहानी फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करने और संकट को शांत करने में केंद्र की पूरी तरह विफलता का आरोप लगाने के लिए खड़गे पर पलटवार किया।

खड़गे को जवाब देते हुए नड्डा ने दावा किया कि मणिपुर में सत्ता में रहने के दौरान स्थानीय मुद्दों से निपटने में कांग्रेस की "पूर्ण विफलता" के दुष्परिणाम आज भी महसूस किए जा रहे हैं।

नड्डा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी ने मणिपुर पर भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। जाहिर तौर पर उस पत्र का जवाब देने के लिए भाजपा अध्यक्ष ने अब कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा है।"

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "नड्डाजी का पत्र, आश्चर्य की बात नहीं है, झूठ से भरा है और यह 4डी अभ्यास है - इनकार, विरूपण, ध्यान भटकाना और मानहानि।"

रमेश ने कहा कि मणिपुर के लोग चाहते हैं कि राज्य में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति, शांति और सद्भाव लौट आए।

रमेश ने कहा, "इस दिशा में वे चार सरल प्रश्न पूछ रहे हैं: प्रधानमंत्री राज्य का दौरा कब करेंगे? मुख्यमंत्री कब तक राज्य पर अत्याचार करते रहेंगे, जब अधिकांश विधायक उनके समर्थन में नहीं हैं? राज्य के लिए पूर्णकालिक राज्यपाल की नियुक्ति कब होगी? केंद्रीय गृह मंत्री मणिपुर में अपनी घोर विफलताओं की जिम्मेदारी कब लेंगे?"

अपने पत्र में नड्डा ने खड़गे से कहा कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस पार्टी मणिपुर की स्थिति को सनसनीखेज बनाने के लिए बार-बार प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि खड़गे यह भूल गए हैं कि न केवल उनकी सरकार ने भारत में विदेशी आतंकवादियों के अवैध प्रवास को वैध बनाया था, बल्कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने उनके साथ संधियों पर भी हस्ताक्षर किए थे।

कांग्रेस मणिपुर का दौरा न करने के लिए प्रधानमंत्री पर हमला कर रही है, इसके अलावा जातीय संघर्ष से ग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की भी आलोचना कर रही है।

पिछले वर्ष मई से इम्फाल घाटी स्थित मैतेईस और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

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