उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले दलित वोटरों को रिझाने का प्रयास करते हुए कार्यकारिणी में कहा गया कि मोदी सरकार दलित व्यवसायियों को एक संस्था के रूप में खड़ा करने का प्रयास कर रही है। वह दलितों को केवल रोजगार ही नहीं देना चाहती है बल्कि उन्हें रोजगार देने वाला भी बनाना चाहती है। वहीं राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भाजपा ने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा।
पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संविधान असहमति और अभिव्यक्ति की पूर्ण आजादी देता है लेकिन राष्ट्र के विनाश की नहीं। उन्होने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राष्ट्रवाद के बीच आवश्यक सह-अस्तित्व है और भारत माता की जय कहना बहस का मुद्दा नहीं हो सकता है। यह नारा लगाने में किसी को कठिनाई नहीं होनी चाहिए।
जेेएनयू विवाद पर जेटली ने कहा कि वहां राष्ट्रविरोधी नारे लगे लेकिन ऐसा करने वालों में अति वामवादी अग्रणी थे। उन्होंने कहा, इसके लिए अल्पसंख्यकों पर आरोप लगाना गलत होगा। इसकी अगुवाई अति वामवादियों ने की थी। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी की हालत आज यह हो गई है कि वह चुनावों में कुछ कर सकने की अपनी महत्वकांक्षा तक खो कर अन्य दलों की पूंछ भर बन कर रह गई है। उन्होेंने कहा कि बिहार में उसने यह किया और अब पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी यही करने जा रही है। कार्यकारिणी की बैठक में पांचों राज्यों में पार्टी की चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई। असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में चुनाव होने हैं।
दलित, राष्ट्रवाद और सरकार की उपलब्धियां भाजपा का एजेंडा
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दलित, राष्ट्रवाद और सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की चर्चा हुई।
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