संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई एनडीए की बैठक में सहयोगी दल नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को रद्द करने की मांग की। एनपीपी की नेता अगाथा संगमा ने बैठक के बाद कहा कि उनकी बात को सुना गया।
विपक्ष सीएए के खिलाफ लगातार आवाज़ उठाता आया है, लेकिन ये पहली बार है जब एनडीए के किसी सहयोगी दल ने इस कानून को वापस लेने की मांग की है। अगाथा संगमा ने कहा, “चूंकि कृषि कानून निरस्त कर दिए गए हैं और यह खासकर लोगों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया था, इसलिए मैंने सरकार से पूर्वोत्तर के लोगों की उसी तरह की भावनाओं को ध्यान में रखकर सीएए को निरस्त करने का आग्रह किया।”
उन्होंने कहा, “मैंने यह मांग अपनी पार्टी और पूर्वोत्तर के लोगों की तरफ से की है।” संगमा ने कहा कि सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन उसने मांग पर गौर किया है।
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद ऐसी मांग उठ रही थी कि केंद्र सीएए को भी वापस ले। हाल ही में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था, "370 और नागरिकता क़ानून वापस लेने की अब मांग उठ रही है। जो लोग यह मांग कर रहे हैं, वे जानते हैं कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं, बल्कि नागरिकता देने का कानून है।"